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बरडा अभयारण्य में बनेगा नया सफारी पार्क, पर्यटकों की सुविधाएं बढ़ेंगी: सीएम

-केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में मनाया विश्व शेर दिवस, वन विभाग की 180 करोड़ की योजनाओं का ई-लोकार्पण व शिलान्यास

CM Bhupendra patel

Jamnagar. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने देवभूमिद्वारका जिले के बरडा वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित राज्य स्तरीय ‘विश्व शेर दिवस’ समारोह में घोषणा की कि बरडा अभयारण्य क्षेत्र में 248 हेक्टेयर में 75 करोड़ की लागत से नया सफारी पार्क, इंटप्रिटेशन सेंटर और पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएंगीं। वन क्षेत्र में गश्ती, निगरानी, पशुओं के रेस्क्यू को जल्द 247 नए वाहन जुड़ेंगे। उन्होंने वन विभाग से जुड़ी 180 करोड़ की विकास परियोजनाओं का ई-लोकार्पण और शिलान्यास भी किया।

उन्होंने कहा कि राज्य की 24 इको टूरिज्म साइट्स के लिए अब घर बैठे बुकिंग की सुविधा उपलब्ध मिलेगी। इसके लिए एक पोर्टल कार्यरत किया है। गुजरात की शान एशियाई शेर देश की अस्मिता का वैश्विक प्रतीक बन गए हैं। वर्ष 2020 में 674 शेर थे, जो आज 2025 में बढ़कर 891 हो गए हैं। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। पिछले ढाई दशकों में शेरों का विचरण क्षेत्र 3 जिलों से बढ़कर 11 जिलों तक फैल गया है।

वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम में सांसद पूनम माडम, राज्य सभा सांसद परिमल नथवाणी, विधायक अर्जुन मोढवाडिया, हेमंतभाई खवा, कलक्टर व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

प्रकृति-मनुष्य एक-दूसरे के पूरक: यादव

केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रकृति और मनुष्य एक-दूसरे के पूरक हैं। इसका उत्तम उदाहरण गिर क्षेत्र में रहने वाले मालधारियों (पशुपालकों) और शेरों की बीच के अनोखे संबंध में देखा जा सकता है। आज इको सेंट्रिज्म के क्षेत्र में भारत के प्रयास पूरी दुनिया के लिए प्रेरणादायी बन गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए आपदा-रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) तथा अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) जैसे प्रयास किए हैं। अंतरराष्ट्रीय बिग कैट एलायंस का गठन किया है।

143 सालों बाद शेरों ने बरडा में किया बसेरा: बेरा

राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री मुलुभाई बेरा ने कहा बरडा वन्यजीव अभयारण्य में 143 वर्षों के बाद एशियाई शेरों ने अपना बसेरा बनाया है। बरडा में 400 से अधिक औषधीय वृक्ष, छठी शताब्दी के नवलखा मंदिर से लेकर विभिन्न धार्मिक स्थान और प्राकृतिक झरने मौजूद हैं। इस कारण शेरों ने बरडा अभयारण्य को अपने ‘दूसरे घर’ के रूप में अपना लिया है।

इन योजनाओं की दी सौगात

सीएम ने पशुओं के संवर्धन-प्रजनन कार्यक्रम के लिए 10.96 करोड़ से ब्रीडिंग सेंटरों का निर्माण करने, वन वसाहत गांवों, इको सेंसिटिव जोन क्षेत्र में इको डेवलपमेंट कार्यों के लिए 7.57 करोड़ के 137 कार् मंजूर किए। जे.आई.सी.ए. प्रोजेक्ट के तहत 720 गांवों में 35.62 करोड़ से सामुदायिक विकास कार्यों की घोषणा की। 7 करोड़ से वन्यजीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर और क्विक रिस्पॉन्स सिस्टम सुनिश्चित करने, 21 करोड़ से बरडा क्षेत्र के मालधारियों के लिए स्वैच्छिक स्थानांतरण की योजना बनाने को मंजूरी दी है। 5 करोड़ से चाडवा रखाल में कैराकल (स्याहगोश- बिल्ली प्रजाति का जानवर) का संवर्धन करने की योजना मंजूर की। 6.98 करोड़ से गश्ती और निगरानी के लिए 3 रेस्क्यू वाहन, 200 बाइक और 44 यूटिलिटी वाहन सौंपे।