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कैंसर पैलिएटिव केयर मरीजों में से एक चौथाई को मॉर्फिन गोलियों की जरूरत

चार वर्ष में मॉर्फिन की 13 लाख से अधिक गोली मरीजों के लिए दी गईं, अन्य नार्कोटिक पदार्थों का भी होता है इस्तेमाल

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Ahmedabad: कैंसर जैसी बीमारी के दौरान मरीजों की असहनीय पीड़ा को कम करने के लिए चिकित्सक नार्कोटिक युक्त दवाओं का उपयोग करते हैं।अहमदाबाद के गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई) में पिछले चार वर्षों में मॉर्फिन की 13 लाख से अधिक गोलियों को इस पीड़ा को कम करने के लिए मरीजों को दिया गया।

जीसीआरआई अर्थात कैंसर अस्पताल में पैलिएटिव ओपीडी में आने वाले मरीजों में से लगभग 25 से 26 फीसदी से अधिक मरीजों को इस तरह की दवा की जरूरत होती है। इसके डोज का असर लगभग 72 घंटे तक रहता है।

जीसीआरआई के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या के अनुसार अस्पताल में पैलिएटिव केयर में वर्ष 2025 में अब तक 22,014 मरीजों ने उपचार लिया है। जिनमें से औसतन 26.5 प्रतिशत (5834) मरीजों को नार्कोटिक-मॉर्फिन की गोली दी गई है। इसके अलावा वर्ष 2024 में 25,046 मरीजों ने पैलिएटिव केयर विभाग में उपचार करवाया इनमें से 25.5 प्रतिशत (6411) मरीजों को दर्द से राहत के लिए इस तरह की दवाइयों का सेवन करना पड़ा।जीसीआरआइ में मॉर्फिन के अलावा मिथाडोन और फेंटानिल का भी दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन्हें कानूनी दायरे में रहकर मरीजों को दिया जाता है। इसके लिए रीजनल मेडिकल इंस्टीट्यूट (आरएमआइ) का दर्जा लेना आवश्यक होता है। इसे फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से दिया जाता है। जीसीआरआइ का पैलिएटिव विभाग मरीजों के दर्द और उनकी क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार में जुटा है। दर्द में सामान्य दवाओं से ज्यादा प्रभावीकैंसर के दर्द से राहत दिलाने में सामान्य दवाइयों की तुलना में नार्कोटिक ज्यादा प्रभावी हैं। चिकित्सक बताते हैं कि अस्पताल में 50 वर्षीय एक मरीज को काफी पीड़ा हो रही थी। उसे दर्दनाशक दवाइयां कोई असर नहीं कर रहीं थीं। इस मरीज को मॉर्फिन युक्त दवाइयां दी गईं, जिससे उसे काफी राहत मिली है। इस मरीज को न सिर्फ दर्द से राहत मिली, बल्कि उसकी जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ। उसे अच्छी नींद आने के साथ अन्य दैनिक क्रियाओं में भी सुधार हुआ है।

अन्य बीमारियों में भी होता है उपयोग

डॉ. पंड्या के अनुसार मॉर्फिन का दवा के रूप में उपयोग कैंसर के मरीजों के अलावा किडनी संबंधित रोगों के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए प्रशिक्षित चिकित्सक जरूरी हैं। जीसीआरआइ में इस तरह के चिकित्सक मौजूद हैं।जीसीआरआइ पैलिएटिव ओपीडी के मरीजों को दी नार्कोटिक दवाई

वर्ष - ओपीडी मरीज -मॉर्फिन टेबलेट

2022-25,234 -3,63,053

2023-24,875-3,63,853

2024-25,046-3,62,400

2025- 22,014 -2,69,685 91

(2025 के आंकड़े अक्टूबर तक के हैं)