
Ahmedabad. गुजरात पुलिस की सीआईडी क्राइम के गांधीनगर स्थित साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस टीम ने डिजिटल अरेस्ट कर ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा है। उनकी पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनसे तीन मोबाइल फोन, 1.31 लाख की नकदी बरामद की है। पकड़े गए आरोपियों में पार्थ पटेल, मेहुल सिंह चावडा और रोनिल उर्फ वेकर उर्फ डेन वेकरिया शामिल हैं। इन्हें गांधीनगर से पकड़ा है।
साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत इस मामले में अंतरराष्ट्रीय गिरोह की लिप्तता सामने आई है। आरोपियों ने शिकायतकर्ता से वीडियो कॉल के जरिए पहले संपर्क किया। उसमें खुद का परिचय दिल्ली ट्राई कर्मचारी के रूप में देते हुए कहा कि आपका मोबाइल नंबर दो घंटे में बंद हो जाएगा। आधारकार्ड से मोबाइल नंबर एक्टिव हुआ है, जिसका उपयोग आपराधिक गतिविधियों में हुआ है। इसके चलते एफआईआर हुई है। सीबीआई, फेमा, आरबीआई, सेबी, रॉ जैसी एजेंसी को इस मामले में जांच का ऑर्डर हुआ है। अलग अलग एजेंसी का कर्मचारी बनकर गिरफ्तार करने की धमकी दी, कहा कि आपको घर से बाहर नहीं निकलना है। किसी को कोई जानकारी नहीं देनी है। घर से बाहर निकलोगे तो जान को खतरा है। वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट रखते हुए शिकायतकर्ता से उसके अलग -अलग बैंक खातों से 11.42 करोड़ रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कर लिए।
ठगी की शिकायत मिलने पर की गई जांच में सामने आया कि शिकायतकर्ता के बैंक खातों से जो राशि जिन जिन खातों में जमा हुई है। उसमें से 48 लाख रुपए केरल में स्थित एक यूरो फ्रेश जनरल ट्रेडिंग नाम की कंपनी के नाम का खाता है। इस बैंक अकाउंट का ब्यौरा खंगाला तो पता चला कि इस अकाउंट के विरुद्ध देश में डिजिटल अरेस्ट कर पैसे ऐंठने के पांच मामले दर्ज हैं। पांच मामलों में 20 करोड़ 74 लाख रुपए ठगे गए हैं। इसमें से चार करोड़ रुपए की राशि इन पकड़े गए आरोपियों ने अन्य देशों दुबई में बैठे ठग गिरोह को भेजी है। गुजरात के अलावा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल में भी एक एक मामला दर्ज है।
अकाउंट धारकों की जांच करते हुए टीम इन आरोपियों तक पहुंची। आरोपियों की पूछताछ में सामने आया कि ठगे गए पैसों का आरोपियों ने सोने में भी निवेश किया है। 2.90 करोड़ का सोना खरीदा है। अन्य रुपए आरटीजीएस से दुबई में बैठे आरोपियों को ट्रांसफर किए।
Published on:
05 Nov 2025 11:04 pm
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