आणंद. जिले को वडोदरा से जोड़ने के लिए महीसागर नदी पर गंभीरा पुल का स्लैब टूटने से हुए हादसे के बाद वैकल्पिक मार्ग व्यवस्था की मांग को लेकर 40 गांवों के सरपंचों ने मंगलवार को प्रदर्शन किया।
हादसे के बाद दोनों जिलों का संपर्क टूटने और आवागमन के लिए लंबी दूरी तय करने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोजगार, व्यापार और सामाजिक कारणों से आवागमन करने वाले लोग अब 50 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
इसी समस्या को लेकर मंगलवार को आणंद जिले की बोरसद और आंकलाव तहसील के करीब 40 गांवों के सरपंचों की बैठक गंभीरा चौकड़ी के पास आयोजित हुई। बैठक के बाद सरंपचों और स्थानीय नेताओं ने वैकल्पिक मार्ग व्यवस्था की मांग के साथ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
बैठक में सरपंचों और स्थानीय नेताओं ने सरकार से महीसागर नदी पर वैकल्पिक मार्ग अथवा अस्थायी पुल की तत्काल व्यवस्था करने की मांग की। बैठक में कुछ किसानों ने कहा कि वडोदरा जिले की पादरा सब्जी मंडी तक माल पहुंचाने का किराया बढ़ गया है, जबकि नौकरीपेशा युवाओं को रोजाना 60-70 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।
बैठक में उपस्थित नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार शीघ्र ही वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है, तो आगामी दिनों में बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। इसमें काले कपड़े पहनकर कलक्टर कार्यालय का घेराव भी शामिल है।
क्षत्रिय सेना के नेता संजयसिंह राज ने कहा कि पुल का स्लैब ढहने को एक महीने से ज्यादा समय हो चुका है और सैकड़ों परिवार प्रभावित हैं। इस मुद्दे को लेकर सरपंचों ने ग्राम पंचायत के लेटरहेड पर लिखित मांग सरकार तक पहुंचाई है। सरकार को चाहिए कि तत्काल वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करे।
आंकलाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रवीणसिंह पढियार ने भी इस मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि वडोदरा जिले के पादरा और जंबुसर क्षेत्र के कई छात्र आणंद, वल्लभ विद्यानगर की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करते हैं, इन्हें अब भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बैठक में लखन दरबार सहित गणमान्य नागरिक भी मौजूद थे।
Published on:
19 Aug 2025 10:24 pm