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जीटीयू में बीते साल का पेपर पूछे जाने पर छात्र संगठनों का हल्लाबोल

-कुलपति को ज्ञापन सौंपा, जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग

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Ahmedabad. गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (जीटीयू) में सोमवार को छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई के छात्र नेताओं ने हल्लाबोल किया। छात्रनेताओं का कहना था कि जीटीयू प्रशासन की ओर से इस साल बीई सेमेस्टर-सात में सिविल इंजीनियरिंग में एक पेपर को गत वर्ष का ही पेपर ले लिया है। केवल तारीख ही बदली गई थी।

एबीवीपी के महानगर मंत्री ध्रुमिल अखानी ने बताया कि 13 सितंबर को बीई सिविल इंजीनियरिंग सेमेस्टर सात में पोर्ट एवं हार्बर विषय का पेपर बीते साल 19 नवंबर 2024 को पूछा गया पेपर एक समान है। यह जीटीयू की लापरवाही को दर्शाता है। इसके चलते हजारोों विद्यार्थियों के साथ अन्याय हुआ है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। भूतकाल में भी ऐसी लापरवाही विवि के कई प्रोफेसर और विवि प्रशासन की ओर से की जा चुकी है।

परिषद की मांग है कि पेपर में मॉरेटर सिस्टम लागू की जाए और इस मामले में जो दोषी है, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मॉडरेटर सिस्टम से विद्यार्थियों के साथ होने वाली इस प्रकार की गंभीर लापरवाही को रोकने में मदद मिलेगी और प्रश्न पत्र का क्रॉस वैरिफिकेशन हो सकेगा। इस मामले में यदि योग्य कदम नहीं उठाए गए तो आगामी समय में परिषद उग्र प्रदर्शन करेगी।उधर दूसरी ओर एनएसयूआई की ओर से भी इस मामले में विवि में हल्ला बोल कर जिम्मेदार प्राध्यापक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। छात्र नेताओं ने कहा कि यदि विवि ने जिम्मेदार प्राध्यापक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं की तो छात्र संगठन दो सप्ताह बाद उग्र प्रदर्शन करेगा।

जांच के लिए कमेटी गठित, होगी कड़ी कार्रवाई

छात्रनेताओं की ओर से इस मुद्दे को लेकर किए गए प्रदर्शन के दौरान जीटीयू कुलपति डॉ.राजुल गज्जर ने छात्रों और फिर संवाददाताओं को बताया कि यह गंभीर मुद्दा है। इसे देखते हुए विवि ने एक जांच समिति गठित की है। जल्द ही जांच करके वह रिपोर्ट सौंपेगी। उसके आधार पर दो सप्ताह में कार्रवाई की जाएगी।