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गुजरात में देश का पहला चीता कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर हो रहा है तैयार, शेर के साथ बाघों का भी बनेगा घर

शेरों का कुनबा भी लगातार बढ़ रहा, वन्यजीवों की 21 प्रजातियों की आबादी साढ़े 9 लाख से अधिक विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस पर विशेष

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शेरों का कुनबा भी लगातार बढ़ रहा, वन्यजीवों की 21 प्रजातियों की आबादी साढ़े 9 लाख से अधिक

विश्व वन्यजीव संरक्षण दिवस पर विशेष

अहमदाबाद. गुजरात में वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं। वर्ष 2001 में दर्ज हुए 327 एशियाई शेरों की संख्या अब 891 हो गई है। गुजरात में शेर ही नहीं अब बाघों का भी निवास स्थान बनने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। कच्छ के बन्नी क्षेत्र में देश का पहला चीता कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेंटर तैयार किया जाएगा। इसके लिए गुजरात के अधिकारियों ने मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यान का दौरा भी किया है।

लगातार बढ़ी है शेरों की संख्या

देश में एशियायी शेरों के एक मात्र राज्य गुजरात में लगातार शेरों की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2001 में 327 थी, वहीं 2005 में 359, 2010 में 411, 2015 में 523 और 2020 में 674 तक पहुंची। अब 2025 में यह बढ़कर 891 हो गई है।

राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या 2.85 लाख से अधिक

वन्यजीवों की गणना अनुमान (2023) के अनुसार राज्य में शेर, मोर, नीलगाय, बंदर, काले हिरण, तेंदुआ, सांभर, चिंकारा समेत 21 प्रजातियों की कुल आबादी 9.53 लाख से अधिक दर्ज हुई है। राष्ट्रीय पक्षी मोर की संख्या 2.85 लाख से अधिक पाई गई। नील गाय 2.24 लाख, बंदर 2 लाख, जंगली सूअर व चितल 1 लाख से अधिक दर्ज हुए। 9170 काले हिरण, 8221 सांभर, 6208 चिंकारा, 2299 सियार, 2274 तेंदुए, 2272 लोमड़ी, 2143 गिद्ध, 1484 भेड़िया और 1000 से अधिक चौसिंगा समेत कुल 9.53 लाख से अधिक वन्यजीव दर्ज किए गए।

यायावर पक्षियों की संख्या 18 से 20 लाख

गुजरात बीते डेढ़ दशक में वन्यजीवों और यायावर पक्षियों के लिए सुरक्षित राज्य के रूप में उभरा है। पक्षी जीवन के क्षेत्र में भी गुजरात ने उल्लेखनीय प्रगति की है। वर्ष 2024 में राज्य के विभिन्न जल प्लावित क्षेत्रों में 18 से 20 लाख यायावर पक्षियों का आगमन हुआ। अहमदाबाद के पास थोळ पक्षी अभयारण्य में 2010 में 31380 पक्षी दर्ज हुए थे जो 2024 में बढ़कर 1.11 लाख से अधिक हो गए। वहीं अहमदाबाद जिले में नल सरोवर अभयारण्य में 2010 में 1.31 लाख पक्षी दर्ज हुए थे जो 2024 में बढ़कर 3.62 लाख से अधिक हो गए। गत 14 वर्षों में थोळ और नल सरोवर में क्रमशः 355 और 276 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2024 में 680 डॉल्फिन और 7672 जंगली गदहे (घुड़खर) दर्ज किए गए।