Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तीर्थंकरों के निर्देश का न हो उल्लंघन : आचार्य महाश्रमण

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के अंकुरम का आगाज गांधीनगर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान आचार्य महाश्रमण ने सोमवार को कहा कि तीर्थंकरोंके निर्देश का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। उन्होंने आचार्य व धर्मगुरु के आदेश-निर्देश के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा भी दी।कोबा में स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में चातुर्मास के तहत शक्ति की […]

2 min read

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के अंकुरम का आगाज

गांधीनगर. जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ के वर्तमान आचार्य महाश्रमण ने सोमवार को कहा कि तीर्थंकरों
के निर्देश का उल्लंघन नहीं होना चाहिए। उन्होंने आचार्य व धर्मगुरु के आदेश-निर्देश के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा भी दी।
कोबा में स्थित प्रेक्षा विश्व भारती में चातुर्मास के तहत शक्ति की आराधना महापर्व नवरात्रि के दौरान आचार्य के सानिध्य में आध्यात्मिक अनुष्ठान के माध्यम से शक्ति के जागरण का क्रम चल रहा है। वीर भिक्षु समवसरण में उपस्थित श्रद्धालुओं व चतुर्विध धर्मसंघ को आचार्य ने मंगल मंत्रों के जप का आध्यात्मिक अनुष्ठान कराया।
आयारो आगम के माध्यम से पाथेय प्रदान करते हुए आचार्य ने कहा कि मेधावी निर्देश का अतिक्रमण नहीं करते। तीर्थंकरों की जो आज्ञा और निर्देश है, उसके अनुसार चलने का प्रयास करना चाहिए। जिन शासन को मानने वाले को तीर्थंकरों के निर्देश के उल्लंघन से बचने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जैन श्वेताम्बर तेरापंथ धर्मसंघ में आज्ञा का बहुत महत्व है। गुरु व आचार्य की जो भी आज्ञा हो गई है, उस पर ध्यान देने का प्रयास करना चाहिए। आचार्य के निर्देश के अनुपालन के प्रति भी जागरूक रहने का प्रयास करना चाहिए। धर्मसंघ में इस बात का बहुत बड़ा महत्व है। साधुओं को तीर्थंकरों के निर्देश का अनुपालन करने का प्रयास होना चाहिए।

अच्छे संस्कार संप्रेषित करने का हो प्रयास

अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुमन नाहटा ने गर्भ शिशु संस्कार अंकुरम के बैनर एवं लोगो का अनावरण किया। आचार्य महाश्रमण ने कहा कि अभी महिला मंडल की ओर अंकुरम कार्यक्रम का आगाज हुआ है। थोड़े दिन पहले ही मंडल के अधिवेशन में इस विषय को छुआ था। यह बहुत अच्छी बात है कि नई टीम ने इसे व्यवस्थित रूप में लाने का प्रयास किया गया है। इस संदर्भ में प्रेक्षाध्यान का भी कितना उपयोग किया जा सकता है। आध्यात्मिकता का लाभ मां और किसी रूप में उसके बच्चे को मिले। अच्छे संस्कार को संप्रेषित करने का प्रयास हो और यह उपक्रम अच्छे ढंग से चले। साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा ने विचार व्यक्त किए। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के महामंत्री मनोज सिंघवी ने अणुव्रत लेखक पुरस्कार-2025 के लिए रघुवीर चौधरी के नाम की घोषणा की।