Narmda dam
गुजरात के सबसे बड़े सरदार सरोवर नर्मदा बांध में पानी की लगातार हो रही आवक के चलते 23 गेटों से 4.7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा। ऐसे में भरूच समेत कुछ जगहों पर नर्मदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर देखा गया। नर्मदा के रौद्र रूप के चलते कुछ भागों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। दूसरी ओर तीर्थ नगरी के रूप में प्रसिद्ध चाणोद में भी घाट डूबने के कगार पर पहुंच गए हैं। गौरतलब है कि श्राद्ध पर्व के दौरान चाणोद में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन होगा।दूसरी ओर कडाणा बांध से भी साढ़े पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते वडोदरा जिलों के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसके चलते निचले इलाकों के अलर्ट कर दिया गया है।
राज्य के सबसे बड़े नर्मदा बांध में जल संग्रह क्षमता के मुकाबले 91 फीसदी से अधिक हो गया है। बांध का जलस्तर 138.68 मीटर के मुकाबले 135.98 मीटर पर पहुंच चुका है। ऐसे में पानी के स्तर को नियंत्रण में लाने के लिए 23 दरवाजे 2.5 मीटर तक खोले गए हैं। बताया गया है कि लगातार पानी छोड़े जाने के कारण भरूच में नर्मदा का रौद्र रूप हो गया है। जल स्तर बढ़ने के कारण, नर्मदा, वडोदरा और भरूच जिलों के लगभग 30 गांवों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
राज्य के अन्य प्रमुख 206 बांधों में औसतन जल संग्रह करीब 83 फीसदी तक हो गया है। इन बांधों में से 85 बांध ऐसे भी हैं जो लबालब हो गए हैं। इनमें क्षमता के मुकाबले 100 फीसदी तक संग्रह हो गया है। जबकि इन समेत 118बांध हाईअलर्ट घोषित किए गए हैं। 25 बांधों में 80 फीसदी से अधिक और 90 फीसदी से कम संग्रह होने पर अलर्ट तथा 12 में 70 से 80 फीसदी तक जलसंग्रह होने पर वार्निंग के रूप में दर्शाया गया है। फिलहाल 15 बांध ऐसे भी हैं जिनमें जल संग्रह 25 फीसदी से भी कम है।
Published on:
05 Sept 2025 09:42 pm
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