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Ajmer : 30 साल बाद अब लौटी अकबर के आंखों की रोशनी, पोते को देख खुशी से खिला उसका चेहरा

Human Angle Story : करीब तीस साल पहले अचानक अकबर को दिखना बंद हो गया। उसकी जिंदगी अंधेरे में गुजरने लगी। डॉ. अंकुर माथुर व टीम ने अकबर की आंखों की सफल सर्जरी कर रोशनी लौटाई। इसके बाद पोते को देख वह खुशी से खिला उठा। पढ़ें यह भावुक स्टोरी।

Ajmer Akbar After 30 years eyesight has returned his face lit up with joy on seeing his grandson
ऑपरेशन के बाद अकबर की लौटी आंखों की रोशनी लौटी। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकुर माथुर (इनसेट)। ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Human Angle Story : करीब तीस साल पहले अचानक दिखना बंद हो गया। बच्चे और पोते की घर में बस आवाज ही सुनता रहा। लेकिन अब जब ऑपरेशन के बाद आंखों की रोशनी लौटी और पहली बार पोते को देखा तो चेहरा खिल उठा। बार-बार चिकित्सकों के प्रति दुआ मांगता रहा। मरीज की ओर से आपबीती व घटना सुनाई तो कइयों की आंखें छलछला उठीं।

अजमेर के जवाहर लाल नेहरू अस्पताल के नेत्र रोग विभाग में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकुर माथुर व टीम ने मरीज की आंखों की सफल सर्जरी कर रोशनी लौटाई। डॉ. माथुर ने बताया कि पाली निवासी अकबर (62 वर्ष) को दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता था। उन्होंने उसकी जाच की और जटिलतम सर्जरी का निर्णय किया।

दोनों आंखों में था मोतियाबिन्द

विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश पोरवाल ने बताया कि यूवाइटिस के कारण उसकी दोनों आंखों में मोतियाबिंद की समस्या थी। कोई भी उसका ऑपरेशन करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता था।

जोखिम के चलते ली प्रधानाचार्य से अनुमति

डॉ राकेश पोरवाल ने प्रधानाचार्य डॉ. अनिल सामरिया एवं अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे से ऑपरेशन की जटिलता को बताते हुए अनुमति ली।

ये चिकित्सक रहे टीम में शामिल

टीम में शामिल मुख्य सर्जन डॉ. अंकुर कुमार के साथ डॉ. गार्गी अवस्थी, डॉ. उत्कर्षा, डॉ नम्रता, डॉ. सोनू ने प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ राकेश पोरवाल की देखरेख में जटिल सर्जरी को सफल बनाया। अब सर्जरी के बाद वह अपने बेटे, बहू और पोते को पहली बार देख पा रहा है।

मरीज को यूवाइटिस था ...

मरीज को यूवाइटिस था, इसमें आंख में सूजन आ जाती है, रोशनी चली जाती है। रोशनी आने की संभावना बहुत कम हो जाती है। कोई भी इन्फेक्शन वजह बन सकता है। उम्र बढ़ने के साथ मोतियाबिन्द तो होता ही है लेकिन आमजन एवं मरीज अगर खान-पान अच्छा रखें। धूप की किरणों से बचाव रखें। प्रदूषण से बचाव रखे तो कुछ हद तक बच सकते हैं।
डॉ. अंकुर माथुर, एसोसिएट प्रोफेसर नेत्र रोग विभाग, जेएलएनएच, अजमेर