
अतिक्रमण हटाती जेसीबी। फोटो: पत्रिका
बड़े पीर की दरगाह-मीठा नीम और तारागढ़ के पीछे बरसों से काबिज अतिक्रमण हटाने के बाद वन विभाग क्षेत्र के विकास में जुटेगा। यहां वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। ईको टूरिज्म के विकास को लेकर सरकार और जिला प्रशासन से चर्चा जारी है।
दरगाह के पीछे तारागढ़ पहाड़ी व वन क्षेत्र की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर दुकान, मकान और अन्य निर्माण कर व्यावसायिक गतिविधियां संचालित कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बीती 2 अगस्त को 213 दुकानें-झोपड़ियां हटाई।
इस मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी जिला कलक्टर लोकबंधु, जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा और वन विभाग को निर्देश दिए थे।
बड़े पीर की दरगाह-मीठा नीम और तारागढ़ क्षेत्र में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाएगा। पर्यटकों के सैर सपाटे के लिए कई गतिविधियां शुरू होंगी। साइट सीन, व्यू पॉइंट और अन्य विकास कार्य होंगे। इसको लेकर विभाग योजना बनाने में जुटा है।
वन विभाग की जमीन पर दोबारा अतिक्रमी काबिज नहीं हों इसको लेकर योजना बनाई जाएगी। बीते साल हुए सर्वेक्षण में नगर निगम की 300 और वन विभाग की 700 बीघा जमीन निकली है। इस जमीन को संरक्षित करना भी जरूरी है।
वन विभाग की याचिका पर अदालत ने वन भूमि पर अतिक्रमण मानकर कई प्रतिवादियों को बेदखल करने के आदेश दिए थे। अदालत ने आदेश में सर्वोच्च न्यायालय के 12 दिसम्बर 1996 के निर्णय का भी हवाला दिया था। जिसके मुताबिक एक बार वन भूमि के रूप में दर्ज जमीन की वैधानिक स्थिति में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
सुरक्षा के लिए कार्मिकों की ड्यूटी लगाई है। ईको टूरिज्म और क्षेत्र के विकास के लिए सरकार और जिला प्रशासन से चर्चा जारी है।
ख्याति माथुर, सीसीएफ, अजमेर वन मंडल
वन विभाग लगाए जगह-जगह नोटिस बोर्ड
एंगल-तार लगाकर फेंसिंग
दोबारा अतिक्रमण पर एफआइआर
सरकारी जमीन का जारी हो नोटिफिकेशन
बड़ा पीर-मीठा नीम के आसपास संरक्षित क्षेत्र
Published on:
27 Sept 2025 03:40 pm
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