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MBBS Student Death: ‘अजीत लौटकर नहीं आया, पर उसकी यादें मिटने नहीं देंगे’, मोक्षधाम में बनेगी बोरिंग-टंकी, नौकरी की मांग

MBBS छात्र अजीत चौधरी का शव रूस से भारत लौटने के बाद कफनवाड़ा गांव में अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों का विलाप सुनकर सबकी आंखों में आंसू थे। इस दौरान गांव के लोग और नेताओं ने अजीत के परिजनों को आर्थिक मदद और एक सदस्य को संविदा नौकरी दिलाने की मांग की।

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अलवर

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Akshita Deora

Nov 18, 2025

मृतक अजीत चौधरी का फाइल फोटो: पत्रिका

MBBS Student Ajit Chaudhary: जिस पिता ने तीन बीघा खेत बेचकर उससे मिली रकम से अपने बेटे को डॉक्टर बनने रूस भेजा था, उसे यह नहीं पता था कि एक दिन बेटे का शव उसकी आंखों के सामने होगा। जैसे ही कफन में लिपटा शव घर पहुंचा, तो कोहराम मच गया। एमबीबीएस छात्र अजीत चौधरी का शव सोमवार को रूस से कफनवाड़ा गांव पहुंचा। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों का विलाप देख लोगों की आंखें नम हो गईं।

एसडीएम अर्चना चौधरी व अन्य लोगों ने अजीत की मां, बहन व परिवार की अन्य महिलाओं को ढांढस बंधाया। अजीत चौधरी रूस के ऊफा शहर की बश्किर मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस करने गया था। एक दिन वह अपने हॉस्टल से निकला और लापता हो गया। कई दिन बाद उसका शव मिला था। तभी से परिजन अजीत के शव का इंतजार कर रहे थे। अजीत का शव सोमवार तड़के रूस के मॉस्को से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा।

कागजी कार्यवाही के बाद शव को सुबह 6 बजे परिजन एम्बुलेंस से अलवर लाए। अलवर के सामान्य अस्पताल की मोर्चरी में मेडिकल बोर्ड ने शव का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद शव को कफनवाड़ा ले जाया गया। इस दौरान सरस डेयरी चेयरमैन नितिन सांगवान, जिला प्रमुख बलवीर छिल्लर, जाट नेता नेतराम चौधरी, धर्मपाल यादव, डीआर जाट सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। अंतिम संस्कार के दौरान गोविंदगढ़ प्रधान प्रतिनिधि गोपाल चौधरी, नायब तहसीलदार हरदयाल, सरपंच लियाकत फौजी, श्याम सुंदर मीना, कांग्रेस नेता धर्मपाल यादव, राजू चावला, अमित कालरा भी मौजूद रहे।

मोक्षधाम में लगेगी बोरिंग व टंकी

नेतराम चौधरी व लोगों ने जिला प्रमुख से छात्र के परिजनों को आर्थिक मदद व एक परिजन को संविदा पर नौकरी दिलाने की मांग की। वे बोले 'अजीत लौटकर नहीं आया, पर उसकी यादें मिटने नहीं देंगे', जिसके बाद जिला प्रमुख ने हरसंभव प्रयास का आश्वासन दिया। साथ ही कफनवाड़ा मोक्षधाम में अजीत के नाम पर 10 लाख से टंकी व बोरिंग कराने की घोषणा की।

ये रहा घटनाक्रम

19 अक्टूबर को अजीत हॉस्टल से दूध लेने निकला और लापता हो गया। 20 अक्टूबर को अजीत की जैकेट व मोबाइल मिले। 6 नवंबर को अजीत का शव रूस के एक बांध में मिला। 12 नवंबर को लक्ष्मणगढ़ में लोगों ने धरना देकर राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। 13 नवंबर को लक्ष्मणगढ़ कस्बा बंद रहा, अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए। 14 नवंबर को महापंचायत हुई, इसमें भी शव को जल्द लाने की मांग की गई

(अजीत के शव को भारत लाने में परिजनों व ग्रामीणों को लंबी लड़ाई लड़नी। कई बार धरना-प्रदर्शन व ज्ञापन सौंपे गए। केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह से भी परिजन मिले। राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमरीका के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने भी इसके लिए काफी प्रयास किए।)