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प्याज के दाम नहीं मिलने से किसानों का दर्द उभरा: तीसरी बार नदी में फेंकी दो ट्रॉली प्याज

राजगढ़ उपखंड क्षेत्र के गांव चंदपुरा में सोमवार रात किसानों का गुस्सा एक बार फिर छलक पड़ा। बाजार में प्याज के भाव नहीं मिलने से परेशान एक किसान ने तीसरी बार अपनी मेहनत की उपज को सूखी नदी में पटक दिया।

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राजगढ़ उपखंड क्षेत्र के गांव चंदपुरा में सोमवार रात किसानों का गुस्सा एक बार फिर छलक पड़ा। बाजार में प्याज के भाव नहीं मिलने से परेशान एक किसान ने तीसरी बार अपनी मेहनत की उपज को सूखी नदी में पटक दिया। यह घटना चंदपुरा-पुनखर मार्ग के बीच स्थित नदी की है, जहां देर रात करीब दो ट्रॉली प्याज फेंकी गई।

नहीं मिल रहा दाम

स्थानीय निवासी सुरेश चंद और सचिन ने बताया कि किसानों को प्याज का भाव इतना कम मिल रहा है कि वे घाटे में जा रहे हैं। किसानों का कहना है कि 120 रुपये में एक कट्टा प्याज कटवाना पड़ता है, जिसमें 30 रुपये कट्टे की कीमत और बाकी मेहनत का खर्च शामिल है, जबकि बाजार में प्याज सहित एक पूरा कट्टा मात्र 200 रुपये में बिक रहा है।

10 से 12 रुपये प्रति किलो प्याज का दाम

किसानों ने सरकार से मांग की है कि कम से कम 10 से 12 रुपये प्रति किलो प्याज का दाम दिया जाए, ताकि उनकी लागत निकल सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर भाव नहीं बढ़े तो वे आने वाले दिनों में और प्याज नदी में डालने को मजबूर होंगे। किसानों ने बताया कि एक बीघा में करीब 50 हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन इस बार उन्हें लागत तक नहीं मिल रही।

पहले भी फेंकी गई नदी में प्याज

मजदूरी और परिवहन का खर्च अलग से है, जिससे खेती पूरी तरह घाटे का सौदा बन चुकी है। इससे पहले भी 28 अक्टूबर और 5 नवम्बर को किसानों ने इसी तरह प्याज नदी में फेंकी थी। किसानों का कहना है कि बार-बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद सरकार की ओर से कोई राहत या समर्थन मूल्य तय नहीं किया गया है।


किसानों की यह मजबूरी और नाराजगी अब क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई है। जहां एक ओर किसान अपनी मेहनत की फसल को खुद बर्बाद करने को मजबूर हैं, वहीं दूसरी ओर प्याज की गिरती कीमतों पर प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है।