
अकबरपुर. सरिस्का के पहाड़ों में स्थित क्रॉसका गांव में मच्छर जनित बीमारियों की आशंका को देखते हुए ग्रामीण चिंतित नजर आ रहे हैं। यहां हालात यह है कि लोग जोहड़ का पानी पीने को मजबूर है। इधर चिकित्सा विभाग भी सतर्कता बरत रहा है। चिकित्सा टीम ने करीब 25 से 30 किलोमीटर ऊंचे पहाड़ों पर बसे क्रॉसका गांव में पहुंच कर मच्छर जनित बीमारी की जांच के लिए लोगों की रक्त स्लाइड ली गई।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले डेंगू का एक मरीज भी चिन्हित हुआ था। जिसका उपचार किया गया। वहीं वायरल बुखार के मरीज भी पाए गए हैं, जिनका उपचार किया और उन्हें दवा भी दी गई। ग्रामीणों के अनुसार क्रॉसका गांव में मच्छर फैलने की वजह से मच्छरजनित बीमारी का खतरा बना रहता है। यहां एएनएम भी नहीं रहती। यह बहुत बड़ी समस्या है। ग्रामीण चाहते हैं कि यहां कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाए।गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण भी नहीं होता है। क्रॉसका में करीब तीन जोहड है। इनमें मच्छर पनपने से बीमारी फैलने का डर बना रहता है।
इंदोक गांव एएनएम मधु ओला ने बताया कि पांच लोगों की टीम गई थी। पांच लोग बीमार मिले थे। जिनका इलाज किया है। स्लाइड लेकर दवा दी गई। डेंगू का एक पुराना मरीज भी था, जो इलाज के बाद स्वस्थ हो गया। क्राॅसका गांव पहाड़ों में स्थित होने से ग्रामीण जोहड़ का पानी पीते हैं। ग्रामीण महिला कमलेश का कहना है कि हम केन में भरकर पानी ले जाते हैं और घर ले जाकर छानते हैं। उसके बाद पीते हैं। जोहड़ में बरसात का पानी भरता है।
टीम ने 30 के करीब स्लाइड ली हैंक्रॉसका गांव में चिकित्सा टीम ने 30 के करीब स्लाइड ली हैं। जांच के दोरान बुखार के पांच रोगी मिले हैं। जिनको दवा दी गई। क्राॅसका गांव विस्थापन प्रक्रिया के चलते एएनएम पद कैंसिल कर दिया, लेकिन हर सप्ताह कुशालगढ़ से टीम जाती है। अब कोई ऐसी समस्या नहीं है।
लोकेश मीणा, बीसीएमएचओ, मालाखेड़ा।
Published on:
20 Sept 2025 12:45 am
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