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यह कैसा पौधरोपण… नगरपालिका ने लगाए 5610 पौधे, 500 भी नहीं रहे जीवित

7000 पौधे लगाने का था लक्ष्य, खर्च किए 56 हजार रुपए, बिना सुरक्षा के हुए नष्ट

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खेरली. नगर पालिका की ओर से पौधरोपण अभियान में 5610 पौधे लगाए गए, लेकिन बिना सुरक्षा के ये पौधे नष्ट हो गए। इनमें से मुश्किल से 500 पौधे भी जीवित नहीं रहे, जबकि पालिका की ओर से 7000 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा था। पालिका ने सार्वजनिक स्थानों को छोड़कर जिन स्थानों पर पौधे लगाए, वहां देखभाल संबंधित संस्थान की ओर से भी की जानी थी। आरोप है कि उनकी लापरवाही एवं पालिका के ध्यान नहीं देने से पौधरोपण अभियान गड्ढों में सिमटकर रह गया।गौरतलब है कि सरकार के निर्देश पर सभी नगर निकायों को पौधरोपण का लक्ष्य दिया था। जिसमें कस्बे की नगर पालिका को 7000 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके तहत लगभग 56000 रुपए खर्च कर अशोक, शीशम, बेर, नीम, करंज, बहेड़ा, जामुन, कंडेर, पापड़ी, अमरुद, मीठी नीम, बैंगन बेल सहित कई किस्मों के 5610 पौधे कस्बे के विभिन्न स्थानों पर लगाए थे।

कहां कितने पौधे लगाएजानकारी के अनुसार राबाउमावि में 480, अनाज मंडी एसडीएम निवास के पास स्थित पार्क में 265, रामावि में 470, पुलिस थाना परिसर में 210 एवं न्यायालय परिसर में 120 सहित पालिका क्षेत्र के अन्य सार्वजनिक स्थान, मंदिर, जलदाय विभाग की टंकी, श्मशान, पार्क, जनप्रतिनिधियों के निवास आदि पर पौधे लगाए। जिनमें कहीं भी ट्री गार्ड नहीं लगाया।

शहरी रोजगार योजना में कामपौधे लगाने का कार्य शहरी रोजगार योजना में लगे श्रमिकों से कराया। जिनसे गड्ढे खुदवा पौधे लगवाए, लेकिन तीन माह भी पौधे लगाए हुए नहीं हुए कि उक्त स्थानों पर केवल गड्ढे शेष हैं। पौधों का नामोनिशान नहीं। पौधे लगाने के बाद उनकी समय पर देखरेख नहीं की। निराश्रित पशुओं से सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड नहीं लगाए। बिना सुरक्षा के पौधे पशुओं की भेंट चढ़ गए। कुछ पानी के अभाव में नष्ट हो गए।

......सुरक्षा करनी चाहिए थी

पौधरोपण बिना ट्री-गार्ड के था। पानी डालने की जिम्मेदारी थी। इतने ट्री गार्ड लगाए भी नहीं जा सकते। जिन संस्थानों में लगे हैं, उन्हें भी सुरक्षा करनी चाहिए थी।मुकेश मीणा, प्रभारी पौधरोपण कार्यक्रम।