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विश्व दिव्यांग दिवस: राजस्थान पत्रिका बना दिव्यांगों का सारथी, दिव्यांगों ने मंच पर रखी समस्याएं

विश्व दिव्यांग दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को दिव्यांग पुनर्वास केंद्र पर राजस्थान पत्रिका व मंथन फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में परिचर्चा हुई।

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विश्व दिव्यांग दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को दिव्यांग पुनर्वास केंद्र पर राजस्थान पत्रिका व मंथन फाउंडेशन चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र में परिचर्चा हुई। कार्यक्रम में सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वन में आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई।

कार्यक्रम के दौरान पूर्व निशक्तजन आयुक्त खिल्लीमल जैन ने कहा कि दिव्यांग कभी अपने को कमजोर न समझे, इनमें दिव्य प्रतिभा होती है, इसलिए इनको दिव्यांग कहा जाता है। दिव्यांगो की सेवा भगवान की सेवा के समान है यह मौका कभी न छोड़ें। चंद्रप्रभू विकलांग कल्याण समिति के पदाधिकारी हरीश कालरा ने कहा कि शरीर में कमजोरी हो सकती है, लेकिन मन को कभी कमजोर न होने दें।


दिव्यांगों के साथ समान व्यवहार करें, उनको समझें, उनकी सहायता करें और अपनेपन का व्यवहार करें। अलवर सीएमएचओ डॉ. शर्मा ने यूडीआईडी कार्ड बनाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी दी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहायक प्रशासनिक अधिक देशराज यादव ने सरकार की ओर दिव्यांगों के लिए संचालित योजना की जानकारी दी।