अंबिकापुर। मैनपाट व धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र की सीमा में शुक्रवार की रात हुए एक घटनाक्रम में पहाड़ी कोरवा जनजाति की 2 महिलाओं व गोद में रही दुधमुंही बच्ची का हाथियों से सामना (Elephant attack) हो गया। इनमें से एक हाथी ने उनपर हमला किया, जिससे महिला व उसकी गोद में मौजूद बालिका दूर जा गिरे। इसी दौरान वहां कुनकुरी खुर्द के लोग व गजराज वाहन से वन कर्मी पहुंच गए और शोर करते हुए हाथियों को खदेड़ दिया, इससे तीनों की जान बच गई। तीनों कीचड़ में सन गए थे।
पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोग ग्राम कंडराजा जंगल में घर बनाकर रहते हैं, यह इलाका मैनपाट वन परिक्षेत्र की सीमा से कुछ ही दूरी पर धर्मजयगढ़ वन परिक्षेत्र में आता है। अभी इस इलाके में 11 हाथियों का दल (Elephant attack) विचरण कर रहा है।
इसके मद्देनजर मैनपाट वन परिक्षेत्र के कर्मचारी गजराज वाहन से स्थानीय युवाओं के साथ घुमते हुए हाथियों की निगरानी में जुटे रहते हैं। शनिवार की रात पहाड़ी कोरवा जनजाति की महिला अपनी मासूम बच्ची व एक अन्य महिला के साथ जंगल के रास्ते अपने घर जा रही थी।
लोगों ने उन्हें उस मार्ग पर हाथियों के विचरण करने की जानकारी देकर जाने से मना किया, लेकिन वे लोग नहीं माने। इसी दौरान उनका सामना हाथियों से हो गया। वे कुछ कर पाते इससे पहले एक हाथी ने सूंड से हमला (Elephant attack) कर दिया, इससे महिला व गोद में रही बालिका अलग-अलग स्थान पर जा गिरे।
इसी बीच ग्राम कुनकुरी खुर्द के लोग व गजराज वाहन से 3 कर्मचारी मौके पर पहुंच गए और शोर मचाते हुए हाथियों को खदेड़ दिया।
इसके बाद हाथी के हमले (Elephant attack) में कीचड़ में सन चुकी महिला, उसकी बच्ची व अन्य को सीतापुर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां उपचार के बाद सभी की हालत ठीक बताई जा रही है। हमले में चारों बाल-बाल बच गए।
Updated on:
09 Aug 2025 08:26 pm
Published on:
09 Aug 2025 08:23 pm