
Hamar Lab Ambikapur (Photo- Patrika)
अंबिकापुर.मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में लिवर, किडनी, हृदय और शुगर की जांच (Liver-Kedney test stop) बंद है क्योंकि प्रयोगशाला में रीजेंट केमिकल नहीं है। इस वजह से मरीजों को निजी पैथोलॉजी लैब में महंगी जांच करवानी पड़ रही है। इससे खासकर गर्भवती महिलाएं और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, रीजेंट केमिकल की कमी के कारण जांच फिर से शुरू होने में अभी और समय लग सकता है।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के संभाग क्षेत्र के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले 20 दिनों से अधिक समय से मरीजों के लिवर, किडनी, हृदय और शुगर सहित अन्य गंभीर बीमारियों की जांच (Liver-Kedney test stop) नहीं हो पा रही है। इसका मुख्य कारण है रीजेंट की कमी। मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में लंबे समय से रीजेंट की कमी बनी हुई है।
इस कारण गंभीर बीमारियों से जुड़ी जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे स्थिति में मरीजों को बाहर निजी पैथोलैब में जांच करानी पड़ रही है। उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्र से आए गरीब मरीजों को हो रही है। जानकारी के अभाव में उन्हें परेशान होना पड़ता है।
कई गंभीर बीमारियों के पता लगाने के लिए बॉयोकैमेस्ट्री की जांच (Liver-Kedney test stop) कराई जाती है। इसमें लिवर, किडनी, हृदय और शुगर सहित अन्य जांचें होती है। लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले कई दिनों से जांच नहीं होने से ऑपरेशन पर असर पडऩी शुरू हो गई है। जांच नहीं होने से गंभीर मरीजों का ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।
अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के हमर लैंब में 250 प्रकार की जांच की सुविधा का दावा किया जाता है। जो पूरी तरह से नि:शुल्क है। लेकिन रीजेंट की कमी, उपकरण में गड़बड़ी सहित अन्य समस्या के कारण अधिकांश जांचें (Liver-Kedney test stop) नहीं हो पा रही है। हमर लैब केवल हाथी का दांत बनकर रह गया है।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर सहित पूरे प्रदेश में रीजेंट की कमी बनी रहती है। यह कोई नहीं समस्या नहीं है। लगभग हर महीने रीजेंट की कमी (Liver-Kedney test stop) की बात सामने आती है। जबकि निजी पैथोलैब में रीजेंट की समस्या कभी नहीं आती है। मरीजों का कहना है कि केवल शासकीय व्यवस्थाओं पर ही क्यों असर दिखता है।
अस्पताल में लिवर, किडनी, हृदय और शुगर की जांच (Liver-Kedney test stop) नहीं हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी गंभीर मरीजों, गर्भवती महिलाओं व ग्रामीण क्षेत्र से आए वृद्ध मरीजों को हो रही है। हालांकि मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन का दावा है कि भर्ती गंभीर मरीजों की जांच निजी पैथोलैब में कराई जा रही है। जबकि अधिकांश मरीज जांच के लिए भटक रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल अधीक्षक डॉ. आरसी आर्या का कहना है कि रीजेंट की कमी के कारण पिछले 15 दिनों से बायोकैमेस्ट्रिी विभाग की जांचे (Liver-Kedney test stop) नहीं हो रही हैं। सीजीएमएसी द्वारा रीजेंट के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। पर अब तक उपलब्ध नहीं कराया गया है। जैसे ही सीजीएमएसी द्वारा रीजेंट उपलब्ध कराया जाता है तो जांचें शुरू हो जाएगी।
Published on:
24 Aug 2025 03:00 pm
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