
Protest by Sarv Adivasi Samaj in front of Balrampur collectorate (Photo- Patrika)
अंबिकापुर/राजपुर। विधायक शकुंतला पोर्ते की जाति प्रमाण पत्र मामले (MLA caste certificate case) ने तूल पकड़ लिया है। दरअसल जिला स्तरीय छानबीन समिति की ओर से अंतिम नोटिस जारी कर 27 नवंबर को पेश होने के लिए कहा गया था। विधायक की ओर से उनके अधिवक्ता पेश हुए। उन्होंने कहा कि हमने प्रारंभिक आपत्ति दर्ज कराई है, अगली सुनवाई 11 दिसंबर को होगी। सुनवाई की तिथि बढ़ जाने के बाद सैकड़ों की संख्या में मौजूद सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने बलरामपुर कलेक्टोरेट के बाहर प्रदर्शन किया। इधर मामले में विधायक ने शिकायतकर्ता धन सिंह धुर्वे को लेकर कहा कि वे कहते हैं कि मैं रोड छाप वकील हूं। बोलने की उनकी क्वालिटी देखिए।
बता दें कि शिकायतकर्ता धन सिंह धुर्वे की ओर से कहा गया है कि विधायक शकुंतला पोर्ते (MLA caste certificate case) ने विस चुनाव के दौरान अपने जाति प्रमाण पत्र में पिता की जगह पति लिखा है। इस मामले में उन्हें जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति द्वारा 4 नोटिस जारी किया जा चुका है। गुरुवार को उसकी सुनवाई थी। लेकिन प्रशासन की ओर से तारीख बढ़ा दी गई है।
इधर सुनवाई में सैकड़ों की संख्या में सर्व आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए थे। तारीख बढ़ जाने के बाद उन्होंने कलेक्टोरेट गेट के बाहर बैठकर एनएच जाम करते हुए प्रदर्शन कया। इस मामले में विधायक शकुंतला पोर्ते (MLA caste certificate case) ने कहा कि जिन्हें जलन होती है, वे अच्छा काम करते नहीं देख सकते।
मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला तो जाति प्रमाण पत्र का मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि दो-चार लोग बैठकर प्रेस कांफे्रंस कर रहे हैं। ये किसी के बहकावे में आकर हमारे समाज के लोग कर रहे हैं। धन सिंह धुर्वे (MLA caste certificate case) खुद बोलते हैं कि मैं रोड छाप वकील हूं। उनकी बोलने की क्वालिटी देखिए।
जितने लोग आरोप लगा रहे हैं उनमें से कई की बहुएं उत्तर प्रदेश से आकर रह रही हैं। उन्होंने कहा कि मेरा जन्म अंबिकापुर में हुआ है। मेरे माता-पिता ने यहीं सर्विस की। मेरी शादी यहीं हुई, अब मुझे अवसर मिला है, मैं यहां काम कर रही हूं, जनता ने मुझे चुना है।
विधायक ने शिकायतकर्ता व उनके समर्थन करने वाले लोगों से कहा कि मेरी जाति को फर्जी बोलकर आवेदन लगा दिया है, लेकिन अब इंतजार करिए, सच्चाई छनकर सामने आएगी। जाति को फर्जी (MLA caste certificate case) कहना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा जाति प्रमाण पत्र वाड्रफनगर एसडीएम धर्मेश साहू ने जारी किया है।
उन्होंने शिकायतकर्ताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुत्ता भौंकता रहता है, हाथी चलता रहता है। लोग तरह-तरह के आरोप लगाते हैं, करते रहें। फर्क नहीं पड़ता। जिसे जो कहना व करना है, करते रहे, हमें बस काम करना है। आदिवासी समाज की बेटी हूं, क्षेत्र और जनता की सेवा करूंगी।
विधायक शकुंतला पोर्ते (MLA caste certificate case) के अधिवक्ता उदयराज सिन्हा ने बताया कि वाड्रफनगर एसडीएम द्वारा वर्ष 2003 में विधिवत जांच कर जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। आज 22 साल बाद इसकी शिकायत आई है। हम उपस्थित हुए हैं, हमारी ओर से प्रारंभिक आपत्ति दर्ज कराई गई है।
इस मामले में समिति को सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार हैं या नहीं है। उस आपत्ति की कॉपी शिकायतकर्ता को दी गई है। आगामी तिथि 11 दिसंबर को आपत्ति का जवाब देंगे।
शिकायतकर्ता धन सिंह धुर्वे का कहना है कि छानबीन समिति के रवैये से हम संतुष्ट नहीं हैं। बार-बार शिकायतकर्ता को बुलाकर परेशान करना और डेट बढ़ा देना, यह समझ से परे है। ऐसा लगता है कि जिला स्तर की छानबीन समिति शासन के दबाव (MLA caste certificate case) में है, इस वजह से वे आज निर्णायक स्थिति में नहीं आ पाए। मुझे नहीं लगता कि 11 दिसंबर को भी ये फैसला दे पाएंगे। जबकि मैंने 22 जनवरी 2025 को शिकायत की थी।
अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह ने कहा कि हम जिला स्तरीय छानबीन समिति की सुनवाई से संतुष्ट नहीं हुए हैं। शकुंतला पोर्ते ने चुनाव में जिस जाति प्रमाण पत्र (MLA caste certificate case) का उपयोग किया है, उसमें पिता की जगह पति का नाम लिखा हुआ है। हमें उस पर आपत्ति है। उक्त प्रमाण पत्र में अजा व अजजा का टिक नहीं लगा हुआ है।
अजा का जाति प्रमाण पत्र अनुच्छेद 341 व अजजा का 342 में बनता है। शकुंतला पोर्ते के प्रोफार्मा में अनुच्छेद 341 में बना हुआ है। हमारी आपत्ति यही है। हम बार-बार यहां आ रहे हैं। डेट बढ़ती जा रही है। जल्द से जल्द इसका निराकरण होना चाहिए। जो अनाधिकृत रूप से चुनकर विधानसभा में आए हैं, उसके लिए योग्य नहीं है। इसे लेकर समाज में भी असंतोष बढ़ हो रहा है।
Updated on:
27 Nov 2025 06:17 pm
Published on:
27 Nov 2025 06:05 pm
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