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President related story: जब देश के प्रथम राष्ट्रपति ने 8 वर्ष के गोलू को गोद में उठाया, नए कपड़े पहनाए, फिर कहा- आज से तुम बसंत लाल हो, अब उम्र है 81 साल

President related story: 73 वर्ष पूर्व तब के सरगुजा जिले के पंडोनगर गांव में आए थे देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडो जनजाति को लिया था गोद, अब 81 साल का बसंत लाल मिलना चाहता है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से

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President related story

Basant Lal Pando (Photo- Patrika)

अंबिकापुर। देश के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद (President related story) आज से 73 वर्ष पूर्व सरगुजा जिले के पंडोनगर गांव में आए थे। यहां उन्होंने 8 वर्ष के एक लडक़े को गोद में उठा लिया था। उन्होंने उसका नाम पूछा तो उसने गोलू बताया। इसके बाद राष्ट्रपति ने कहा कि आज से तुम्हारा नाम बसंत लाल रहेगा। आज वह बसंत लाल 81 साल का हो चुका है। अब बसंत लाल की इच्छा वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने की है। राष्ट्रपति 20 नवंबर को अंबिकापुर आने वाली हैं। बसंत लाल का कहना है कि वह राष्ट्रपति से मिलकर समाज की समस्याएं उनके सामने रखेगा। उसकी यह इच्छा पूरी होती है या नहीं, यह देखने वाली बात होगी।

सूरजुपर जिले के पंडोनगर निवासी 81 वर्षीय बसंत लाल पंडो को आज भी वो दिन याद है, जब वर्ष 1952 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद (President related story) उसके गांव आए थे। उस समय उसकी उम्र 8 साल की थी। बसंत लाल बताते हैं कि राष्ट्रपति ने उन्हें गोद में उठा लिया था। मुझे नया शर्ट-पैंट पहनाया और मेरा नाम पूछा।

जब मैंने बताया गोलू तो उन्होंने कहा कि आज से तुम्हारा नाम बसंत लाल रहेगा। इसके बाद से उनका नाम बसंत लाल हो गया। प्रथम राष्ट्रपति (President related story) ने उनका नामकरण किया था। बसंत लाल का कहना कि उन्होंने हमारे समाज व पंडोनगर गांव को गोद लिया था। इस दौरान उन्होंने पंडो समाज को बैल, बैलगाड़ी, बीज व जमीन दी, 13 बसाहटें बसाईं।

President related story: साथ ले जाने की कही थी बात

बसंत लाल (President related story) बताते हैं कि तात्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जब उसे गोद में लिया था तो उसे लगा था कि वह दुनिया का सबसे भाग्यशाली बच्चा है। उन्होंने उसे साथ ले जाने भी कहा था, लेकिन न तो घर से जाने दिया गया और न ही अधिकारी अपने साथ ले गए। यदि उस समय मैं चला गया होता तो आज मेरी स्थिति कुछ और होती।

राष्ट्रपति से कहना चाहता हूं- हमारी पीड़ा सुनें

बसंत लाल पंडो का कहना है कि वे 20 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President related story) से मिलना चाहते हैं। वे उनसे मिलकर कहेंगे कि आपके प्रथम राष्ट्रपति ने उसे गोद में उठाया था और उसका नामकरण किया था। वे कहना चाहते हैं कि आप हमारी पीड़ा सुनें और हमें न्याय दिलाएं। दरअसल पंडोनगर गांव में रहने वाले पंडो समाज के लोग आज भी अपनी जमीन का पट्टे के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

पंडो समाज के प्रदेश अध्यक्ष का है ये कहना

पंडो समाज के प्रदेश अध्यक्ष उदय पंडो का कहना है कि बसंत पंडो वह शख्स हैं जिन्हें देश के प्रथम राष्ट्रपति ने गोद लिया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President related story) के अंबिकापुर आने की खबर पर वे काफी खुश हैं। उनकी इच्छा है कि जिला प्रशासन उन्हें राष्ट्रपति से मिलवा दें।

यदि ऐसा होता है तो यह सिर्फ इतिहास का ही सम्मान नहीं होगा, बल्कि पंडो समाज के लिए भी एक बड़ा संदेश होगा। राष्ट्रपति से मिलकर पंडो समाज विकास, विशेष योजनाओं की मांग व सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग रखेंगे।


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