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जिले में बारिश के पहले 352 जर्जर भवन हुए चिन्हित, अब तक एक भी डिस्मेंटल नहीं हुआ

कच्ची सड़क से स्कूल जाना मुश्किल, कीचड़ से लथपथ हो जाते हैं विद्यार्थी बारिश के दौरान जर्जर भवनों से दुर्घटना की आशंका

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जिलेभर में बारिश के पूर्व शासकीय व निजी जर्जर भवनों को डिस्मेंटल के लिए चिन्हित किया गया। इसके लिए भवन स्वामियों और संबंधित विभागों को सूचना भी दी गई है, लेकिन अभी तक एकभी का डिस्मेंटल नहीं हो सका है। रहवासी क्षेत्र में ये भवन आमजन के लिए खतरा बने हुए हैं। जैसे-जैसे बारिश हो रही है, इन भवनों के धराशाई होने का खतरा भी बढ़ रहा है। कलेक्टर के निर्देश के बाद जिले के नगरीय क्षेत्रों में सर्वे कर 352 मकान जर्जर चिन्हित गए हैं। जिसमें अनूपपुर में 18, कोतमा में 3, बिजुरी में 20, पसान में 37, जैतहरी में 5, अमरकंटक में 20, डोला में 18, डूमर कछार में 183, बरगवा अमलाई में 15, बनगवा राजनगर में 33 मकान शामिल हैं। निजी भवन स्वामियों को नोटिस जारी किया गया है। वहीं एसईसीएल तथा अन्य शासकीय संस्थाओं के प्रमुख को पत्राचार कर आमजन की सुरक्षा को देखते हुए इन भवनों को डिस्मेंटल करने पत्राचार किया गया है।

राजनगर में सबसे ज्यादा निजी भवन

148 भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर मकान को डिस्मेंटल कराने के निर्देश दिए गए है। जर्जर निजी भवनों में अनूपपुर में 13, कोतमा में 3, बिजुरी में 3, पसान में 37, जैतहरी में 10 अमरकंटक में 20, डोला में 14, बरगवा अमलाई में 15 एवं बनगवा राजनगर में 33 शामिल हैं। सबसे ज्यादा जर्जर मकान एस ई सी एल हसदेव क्षेत्र एवं जमुना कोतमा क्षेत्र में है। डूमर कछार में 183 मकान जर्जर हैं जो 70 के दशक में बनाए गए थे ज्यादातर कर्मचारियों के सेवानिवृत्ति के पश्चात इन मकानों का उपयोग नहीं हो रहा है लेकिन रहवाशी क्षेत्र में इनके स्थित होने से लोगों के जान माल को खतरा बना हुआ है।

कोतमा में गिरा धर्मशाला का हिस्सा

पिछले कुछ दिनों से हुई बारिश के बाद वर्षों पुराने निर्मित जर्जर मकान के ढहने का खतरा बढ़ गया है। गुरुवार की शाम को कोतमा के वार्ड क्रमांक 3 स्थित सार्वजनिक धर्मशाला के छत की दीवार का बड़ा हिस्सा अचानक गिर जाने से अफरा तफरी मच गई। गनीमत रही की दीवार की चपेट में कोई नहीं आया। सिर्फ एक दो पहिया वाहन ही क्षतिग्रस्त हुआ है। जबकि पास में ही पानी प्लांट एवं मेडिकल स्टोर होने के कारण काफी भीड़भाड़ थी। घटना के बाद कुछ देर के लिए रोड जाम हो गया। सड़क से मलबा हटाने के बाद धीरे-धीरे आवागमन बहाल हो सका।