शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग में राजेंद्रग्राम के पास का किर्गी नाले का पुल काफी पुराना हो चुका है। इस संकीर्ण पुल की ऊंचाई भी बहुत कम है। बारिश के दिनों में नाले में बहाव अधिक होने पर पानी पुल से ऊपर चलने लगता है। इसकी वजह से आवागमन बंद हो जाता है। पांच-छह घंटे में पानी उतरने के बाद आवागमन सुचारू हो पाता है। सावन के महीने में अमरकंटक के जलेश्वर एवं अमरेश्वर महादेव मंदिर में जल चढ़ाने के लिए हजारों की संख्या में लोग आते हैं। बारिश के दिनों में कई बार बाढ़ की स्थिति होने पर आवागमन ठप जाता है। समस्या से निजात के लिए काफी समय से नए पुल की मांग की जा रही है, लेकिन आज तक नया पुल स्वीकृत नहीं हो पाया है। किर्गी नाले पर स्थित यह पुल अन्य दिनों में तो सामान्य रहता है लेकिन बारिश के दिनों में पहाड़ों की तरफ से बहकर आने वाले पानी के कारण नाला उफान पर आ जाता है। विधायक फुंदेलाल सिंह का कहना है कि लंबे समय से संकीर्ण पुल के स्थान पर नए पुल निर्माण की मांग की जा रही है, लेकिन आज तक नहीं बनाया गया।
लखौरा निवासी 60 वर्षीय राम प्रसाद ने बताया कि जब रपटा बने 50 वर्ष से अधिक समय हो चुका है। इतने वर्षों के बाद आज भी पुल का उपयोग जारी है। बारिश के दिनों में किर्गी नाले पर तेज बहाव होने पर पुल डूब जाता है। सड़क के दोनों तरफ कई घंटे तक लोगों को पानी के कम होने का इंतजार करना पड़ता है।
ग्राम पंचायत किर्गी के सरपंच अर्जुन सिंह ने बताया कि अमरकंटक मेंं लाखों की संख्या में लोग मां नर्मदा की पूजा और दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। अमरकंटक मार्ग में स्थित पुल की जगह है बड़े पुल का निर्माण जरूरी है। इसमें पानी निकासी की ज्यादा व्यवस्था नहीं है। पुल के ऊपर से पानी गुजरने लग जाता है।
ग्राम पंचायत बहपुर के राजकरण चंद्रवंशी ने बताया कि बीते वर्ष दो बार पुल ऊपर से पानी जाने के कारण उन्हें चार से पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। दूसरा कोई रास्ता आने जाने के लिए नहीं है। इस वजह से ज्यादा दिक्कत होती है। यदि पुल के ऊपर से पानी बह रहा है तो इसके कम होने का इंतजार करना पड़ता है।
यह बात सही है की बारिश के दिनों में इस पुल पर पानी का बहाव बढऩे पर आवागमन प्रभावित होता है। बारिश समाप्त होते ही इस पर कुछ किया जाएगा। अवधेश स्वर्णकार, महाप्रबंधक एमपीआरडीसी
Published on:
07 Jul 2025 12:04 pm
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