Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Bajrang Baan : बजरंग बाण पाठ रोज पढ़ना क्यों माना जाता है गलत? बाबा बागेश्वर ने बताए कारण

Bajrang Baan : बजरंग बाण पाठ आजकल लाखों युवा रोजाना सुनते हैं। लेकिन इसके रोजाना पाठ की मनाही की जाती है। इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि बजरंग बाण का रोजाना पाठ क्यों नहीं करना चाहिए और इसका प्रयोग कब करना चाहिए।

2 min read
Google source verification
Bajrang Baan, Baba Bageshwar Dham

Bajrang Baan : रोज बजरंग बाण पढ़ने के नुकसान: बाबा बागेश्वर ने खोला रहस्य (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Bajrang Baan : हम में से कई लोग मुसीबत आने पर भगवान को याद करते हैं। कुछ मंदिर जाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं…तो कुछ भजन, स्तुति-चालीसा आदि सुनना पसंद करते हैं। अधिकांश लोग, खासकर युवा इन दिनों बजरंग बाण सुन रहे हैं या पाठ कर रहे हैं, लेकिन कई विद्वानों और कथावाचकों ने इसके नियमित पाठ को लेकर चेताया है। इस लेख में हम बताने वाले हैं कि क्यों बजरंग बाण का पाठ रोजाना नहीं करना चाहिए।

पहले समझते हैं, किन परिस्थियों में तुलसीदास जी ने बजरंग बाण लिखा?

कहा जाता है, एक बार काशी (वाराणसी) के तांत्रिक ने तुलसीदास जी पर मारण मंत्र का प्रयोग कर दिया था। इस तंत्र क्रिया से उनके पूरे शरीर पर फोड़े निकल आए थे। उन्हें खुद की रक्षा के लिए कोई रास्ता नहीं दिख रहा था। तब उन्होंने इस पीड़ा से मुक्ति पाने और आत्मरक्षा के लिए, बजरंग बाण स्तोत्र का पाठ किया और हनुमान जी से प्रार्थना की। माना जाता है, बजरंग बाण के पाठ के बाद उनके शरीर के सारे फोड़े ठीक हो गए थे। तभी से यह स्तोत्र शत्रु पर विजय पाने के लिए बहुत शक्तिशाली और तुरंत प्रभावी माना जाता है।

बजरंग बाण कब पढ़ें?

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बाबा बागेश्वर) के अनुसार, "बजरंग बाण का पाठ साधक को प्रतिदिन नहीं करना चाहिए। जब अति से ज्यादा कोई मुसीबत नाक तक फंस गई हो, कोई प्रयोजन-पद्धति काम न कर रही हो, ऐसी अंतिम स्थिति में बजरंग बाण का प्रयोग कर सकते हैं। पाठ हनुमान जी के सामने एक पैर पर खड़े होकर, स्नान किए हुए ही गीले वस्त्रों में करने से लाभ होता है। प्रतिदिन या नियमित पाठ इसलिए नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें हनुमान जी को शपथ दी गई है, 'सत्य शपथ करुणानिधान की'। ऐसे में अति मुसीबत में एक पैर पर ना खड़े हो पाओ, तो सामान्य खड़े होकर के पाठ कर सकते हैं। पाठ बहुत आपत्तिकाल में करना चाहिए। बार-बार, छोटी-मोटी बातों के लिए नहीं करना चाहिए। कोई प्रेत बाधा सता रही हो, कोई बड़ा संकट या जान पर बात आ गई हो, तब ही इसका पाठ करना चाहिए।"

बजरंग बाण देता है तुरंत परिणाम

'द अनंत गीता' पेज के अनुसार, बजरंग बाण एक ब्रह्मास्त्र की तरह है। यह तुरंत ही काम करता है। इसमें भगवान हनुमान को रौद्र (क्रोधी) रूप में पुकारा जाता है। हनुमान जी को स्वयं भगवान श्रीराम की कसम दी जाती है। इसीलिए इसे रोज प्रयोग नहीं किया जा सकता। जब हमारी जान पर संकट आ जाए, तब ही इसका पाठ करना चाहिए। या कोई नेगेटिव एनर्जी हमें सता रही हो अथवा सारे दरवाजे जब बंद हो जाए। तब ही पाठ करना चाहिए। बजरंग बाण सामान्य भक्ति के लिए नहीं बल्कि भय, नकारात्मक शक्ति, शत्रु, बाधा या बुरे प्रभाव से रक्षा के लिए है। मात्र अनुभव के लिए इसका पाठ नहीं करना चाहिए।

ये पाठ रोज पढ़ना लाभदायक

हनुमान जी सबसे ज्यादा राम नाम सुनकर प्रसन्न होते हैं। अगर आप उनकी भक्ति करना चाहते हैं, तो रोजाना निम्न पाठ कर सकते हैं। ये शान्त, सौम्य और कल्याणकारी हैं।

हनुमान चालीसा
हनुमानाष्टक
श्रीराम स्तुति
सुंदरकाण्ड
रामचरितमानस
रामायण
रामनाम जप

बजरंग बाण पाठ में न करें ये गलती

  • पाठ घोर संकट में ही करें।
  • पाठ के दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी।
  • नशा व तामसिक चीजों का सेवन न करें।
  • किसी का बुरा करने की भावना के साथ पाठ नहीं करना चाहिए।
  • अनैतिक कार्य की पूर्ति के लिए पाठ न करें।
  • बिना कर्म किए किसी काम में सफलता पाने के लिए पाठ न करें।
  • धन, ऐश्वर्य या भौतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रयोग न करें।