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पेट्रोल पंप पर कंफ्यूज न हों, जानें E20 Petrol vs Normal Petrol में किसे चुनें? वो जरूरी बातें जो बचा सकती हैं आपकी गाड़ी का इंजन

E20 Petrol vs Normal Petrol: जानें इनमें क्या फर्क है, कौन सा ईंधन आपकी गाड़ी के लिए सुरक्षित है, E20 के फायदे-नुकसान, माइलेज और इंजन पर असर।

भारत

Rahul Yadav

Aug 21, 2025

E20 Petrol vs Normal Petrol
E20 Petrol vs Normal Petrol (Image: Gemini)

E20 Petrol vs Normal Petrol: आजकल पेट्रोल पंप पर अक्सर लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज हो जाते हैं कि अपनी गाड़ी में कौन सा फ्यूल भरवाएं, E20 Petrol और Normal Petrol में किसे चुनें? अगर आपको भी ऐसी ही कंफ्यूजन होती है तो अब नहीं होगी। इस खबर में हम इन दोनों फ्यूल के बारे में जानेंगे, समझेंगे कि आपकी गाड़ी के हिसाब से क्या सही रहेगा और क्या नहीं? तो चलिए आसान भाषा में समझते हैं पूरा गणित।

E20 पेट्रोल क्या है?

E20 पेट्रोल में 20% इथेनॉल और 80% सामान्य पेट्रोल होता है। इथेनॉल एक प्रकार का बायोफ्यूल है जो गन्ना, मक्का या अन्य फसलों से बनाया जाता है। इसका मुख्य फायदा यह है कि यह पर्यावरण के लिए थोड़ा साफ-सुथरा ईंधन माना जाता है और कार्बन उत्सर्जन कम करता है।

नार्मल पेट्रोल क्या है?

नार्मल पेट्रोल में केवल पेट्रोल होता है यानी इसमें इथेनॉल या अन्य बायोफ्यूल का मिश्रण बहुत कम या फिर नहीं होता है। यह पारंपरिक रूप से सभी प्रकार की कारों और मोटरसाइकिलों के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है।

E20 Petrol vs Normal Petrol: क्या है दोंनो के बीच का अंतर?

E20 में इथेनॉल होने के कारण यह थोड़ा हल्का और साफ-सुथरा जलता है। इसका माइलेज नार्मल पेट्रोल की तुलना में थोड़ा कम हो सकता है, क्योंकि इथेनॉल में ऊर्जा की मात्रा कम होती है। वहीं, नार्मल पेट्रोल में माइलेज स्थिर रहता है और पुराने वाहनों में इसका इस्तेमाल सुरक्षित होता है।

E20 पेट्रोल पर्यावरण के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि यह कार्बन उत्सर्जन को घटाता है और हवा में प्रदूषण कम करता है। लेकिन सभी वाहन निर्माता कंपनियां इसे अपने पुराने वाहनों के लिए सपोर्टिव नहीं मानती हैं क्योंकि पुरानी गाड़ियों का इंजन इस फ्यूल के अनुकूल नहीं डिजाइन किया गया है।

E20 पेट्रोल से किन वाहनों को हो सकता है नुकसान?

E20 पेट्रोल में 20% इथेनॉल होता है जो सभी वाहनों के लिए सुरक्षित नहीं है। पुराने या कुछ विशेष प्रकार के वाहनों में इसका इस्तेमाल करने से इंजन और माइलेज पर असर पड़ सकता है।

2012 से 2023 के बीच बने वाहन: इस दौरान बने ज्यादातर वाहन E10 (10% इथेनॉल) के लिए डिजाइन किए गए थे। इनमें E20 पेट्रोल के इस्तेमाल से फ्यूल पंप, रबर की पाइपलाइन और प्लास्टिक के पुर्जों को नुकसान हो सकता है। लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से इंजन में खड़खड़ाहट और जंग लगने जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं।

2012 से पहले के वाहन: अगर आपका वाहन 2012 से पहले का है तो इसे E20 पेट्रोल के लिए बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें। ये वाहन इथेनॉल के लिए अनुकूल नहीं हैं और इससे इंजन को गंभीर क्षति पहुंच सकती है।

कम माइलेज: E20 पेट्रोल का एक और नुकसान यह है कि इसमें सामान्य पेट्रोल की तुलना में ऊर्जा की मात्रा थोड़ी कम होती है। इसलिए E20 ईंधन पर चलने वाले वाहनों का माइलेज थोड़ा घट सकता है।

क्या है समाधान?

अगर आपकी गाड़ी अप्रैल 2023 के बाद बानी है तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि ये वाहन E20 के लिए ही बनाए गए हैं। लेकिन अगर आपकी गाड़ी पुरानी है तो सबसे अच्छा विकल्प है कि आप केवल सामान्य पेट्रोल का ही इस्तेमाल करें।

पुराने मॉडल की मोटरसाइकिल या स्कूटर में E20 का उपयोग करने से इंजन और पाइपलाइन में दिक्कत आ सकती है।

E20 के फायदे

E20 पेट्रोल के कई फायदे भी हैं। सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण का है। यह कार्बन उत्सर्जन को कम करता है और प्रदूषण घटाता है। दूसरा, किसानों के लिए यह अच्छा है क्योंकि एथेनॉल बनाने के लिए गन्ना और मक्का जैसी फसलें इस्तेमाल होती हैं। इससे किसानों की आय बढ़ती है। तीसरा फायदा यह है कि भारत की विदेशी तेल पर निर्भरता कम होती है। देश में तेल की बचत होती है और आयात घटता है।

वाहन मालिकों के लिए सलाह

सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपनी गाड़ी का मैनुअल देखें। उसमें साफ लिखा होता है कि आपकी गाड़ी कौन-सा पेट्रोल सपोर्ट करती है। आमतौर पर अप्रैल 2023 के बाद बनी गाड़ियां E20 पेट्रोल पर चल सकती हैं जबकि पुराने मॉडल ज्यादातर सिर्फ E10 पेट्रोल तक ही सपोर्ट करते हैं।