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रामनगरी में उमड़ा आस्था का सैलाब, दीपोत्सव ने चमका दी लाखों ज़िंदगियाँ-रामलला की बदौलत अयोध्या में खुशहाली की नई सुबह

Ayodhya में दीपोत्सव ने आस्था और अर्थव्यवस्था का ऐसा संगम रचा, जिसने इतिहास में नई मिसाल दर्ज कर दी। पांच दिन में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए और करोड़ों दीपों की रोशनी के बीच स्थानीय व्यापारियों की कमाई में जबरदस्त इजाफा हुआ। छोटी दुकानों से लेकर होटलों तक, हर चेहरे पर खुशहाली की चमक दिखाई दी।

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भक्ति, भव्यता और व्यवसाय-- दीपोत्सव 2025 में अयोध्या ने रचा नया इतिहास (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

भक्ति, भव्यता और व्यवसाय-- दीपोत्सव 2025 में अयोध्या ने रचा नया इतिहास (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)

Ayodhya Deepotsav: रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन इस बार केवल धार्मिक या सांस्कृतिक दृष्टि से ही सफल नहीं रहा, बल्कि इसने स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई उड़ान दी है। पांच दिनों में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री रामलला के दर्शन किए, जबकि शहर में कारोबार ने कई बड़े रिकॉर्ड तोड़ दिए। होटल उद्योग से लेकर स्ट्रीट वेंडर्स तक, हर वर्ग की जेब खुशियों से भर गई। करोड़ों की आर्थिक गतिविधियों ने इस आयोजन की सफलता पर मुहर लगा दी।

विश्व रिकॉर्ड के साथ आर्थिक प्रगति का मंच बना दीपोत्सव

16 अक्टूबर से शुरू हुआ दीपोत्सव जब 22 अक्टूबर को अपनी चमक बिखेरता रहा, उस दौरान अयोध्या में लगभग आठ लाख लोग पहुंचे। सरयू तट पर जलते करोड़ों दीयों ने जहां विश्व कीर्तिमान स्थापित किया, वहीं इस आयोजन ने अयोध्या को स्थानीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड वृद्धि का भी तोहफा दिया। अर्थशास्त्री प्रो. विनोद श्रीवास्तव बताते हैं कि दीपोत्सव ने अयोध्या को आर्थिक दृष्टि से अभूतपूर्व गति दी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में लगभग पांच करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रवाह हुआ है। यह सिर्फ शुरुआत है, आने वाले समय में धार्मिक पर्यटन अयोध्या की आर्थिक रीढ़ बनेगा।

90% होटल और रेस्टोरेंट रहे फुल

अयोध्या में उत्सव के दौरान ठहरने की जगह खोजना मुश्किल हो गया कि 

  • होटल, धर्मशाला, लॉज - 90% तक बुक
  • होमस्टे और गेस्ट हाउस- एडवांस बुकिंग फुल
  • स्ट्रीट फूड एवं रेस्टोरेंट्स में 3 गुना बिक्री

व्यापारी संगठनों के अनुसार सिर्फ आतिथ्य सेवा से ही करोड़ों की आय दर्ज की गई।

छोटे व्यापारियों के लिए वरदान

  • स्टॉल धारकों और फेरीवालों की बल्ले-बल्ले हो गई -
  • नींबू-चाय बेचने वाले एक फेरीवाले ने बताया कि दीपोत्सव के दौरान वह रोज़ 2,000 से अधिक चाय बेच रहा था।आम दिनों में जहां 50 कप चाय बेचना भी चुनौती था, वहीं इस बार उसकी कमाई में 40 गुना वृद्धि देखी गई।
  • रामनामी दुपट्टा, धार्मिक झंडा, प्रकाश सामग्री, रामलला की तस्वीरें और प्रसाद बेचने वाले व्यापारियों की बिक्री सामान्य से तीन गुना अधिक रही।
  • व्यापारी नेता पंकज गुप्ता कहते हैं कि दीपोत्सव ने अयोध्या की अर्थव्यवस्था को नया आयाम दिया है। मलाई छोटे व्यापारियों को मिली है और यही खुशहाली का सबसे बड़ा संदेश है। 

रोजगार का बड़ा अवसर बना दीपोत्सव

  • इवेंट मैनेजमेंट
  • टूरिस्ट गाइड
  • सुरक्षा और पार्किंग
  • परिवहन
  • सफाई और कैटरिंग

इन सभी क्षेत्रों में हजारों युवाओं को अस्थायी रोजगार मिला। विशेषज्ञों का मानना है कि जब पर्यटन स्थायी होगा, तो यह रोजगार स्थायी रूप से बढ़ेगा।

तीन दिन की लगातार छुट्टी ने बढ़ाई भीड़

  • दीपोत्सव के अगले दिन से लगातार छुट्टियों ने श्रद्धालुओं का सैलाब और बढ़ा दिया।शाम होते ही राम की पैड़ी के आसपास इतनी भीड़ होती थी कि पैर रखना मुश्किल।
  • सरयू आरती और अलौकिक रोशनी ने श्रद्धालुओं को बांधे रखा -रुकने व खाने-पीने के स्थानों पर लंबी कतारें वाहनों की पार्किंग में भारी दबावपरिवहन सेवाओं में 45% तक बढ़ोतरी

महिला सुरक्षा और सुविधाओं पर विशेष फोकस

  • अयोध्या में महिला श्रद्धालुओं के लिए महिला पुलिस बल की विशेष तैनाती
  • अलग वेटिंग ज़ोन
  • चाइल्ड हेल्प डेस्क
  • मेडिकल व एम्बुलेंस सेवाएँ

इन व्यवस्थाओं से अयोध्या ने विश्व पर्यटन के स्तर पर खुद को सिद्ध किया।

धार्मिक पर्यटन के बढ़ने से 

  • स्थानीय शिल्प और संस्कृति को मजबूती
  • सरकार और निजी क्षेत्र के निवेश में तेजी
  • इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को रफ्तार

अर्थशास्त्रियों के अनुसार राम मंदिर और ऐसे महा-आयोजन मिलकर अयोध्या को धार्मिक पर्यटन की विश्व राजधानी बना रहे हैं।


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