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मां की मौत पर भी नहीं आए बेटे, गांव वालों ने किया अंतिम संस्कार

किशनगढ़-रेनवाल का मामला, पड़ौसी ने निभाया बेटे का फर्ज

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बगरू

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Kashyap Avasthi

May 17, 2025

किशनगढ़-रेनवाल का मामला, पड़ौसी ने निभाया बेटे का फर्ज

किशनगढ़-रेनवाल का मामला, पड़ौसी ने निभाया बेटे का फर्ज

जयपुर. शाहपुरा के एक गांव में गुरुवार को रिश्तों के कत्ल की खबर सामने आई थी। जहां एक बेटा अपने मृत मां के चांदी के कड़े नहीं मिलने पर चिता पर लेट गया वहीं जयपुर जिले के किशनगढ़-रेनवाल में भी शुक्रवार को रिश्तों की मौत का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जो झकझोरने वाला है। यहां वृद्ध महिला की मौत के बाद उसके बेटे कंधा देने तक नहीं पहुंचे। आसपास के लोगों ने वृद्धा का अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के मुताबिक मूलत: कोटा निवास वृद्ध दंपती लगभग 35 साल से किशनगढ़-रेनवाल में रह जीवन यापन कर रहे थे जबकि उनके दो बेटे कोटा में रह रहे हैं लेकिन मां की मौत की खबर के बाद भी दोनों में से एक भी बेटा अपने मां के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा। गुरुवार तड़के करीब 5 बजे 70 वर्षीय वृद्धा रामकली पत्नी घनश्याम शर्मा की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। सूचना मिलते ही आसपास के लोग एकत्र हो गए और अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी संभाली। पड़ोस में रहने वाले सतीश शर्मा ने मृतका को कंधा दिया और बेटे का फर्ज निभाया और श्मशान में अंतिम संस्कार की सभी रस्म निभाई। अब सतीश ही अस्थि विसर्जन के लिए जाएगा।
ज्ञात रहे कि मृतका का पति भी बीमार है, वहीं उसके पास अंतिम संस्कार करने के लिए भी पैसों का इंतजाम नहीं था तो समाज के लोगों ने राशि एकत्र की। इस दौरान रमेश चंद शर्मा, चंदू महाराज, सतीश चंद्र शर्मा, शिव कुमार कुमावत, गणेश प्रजापत सुरेश कुमावत बिन्नी व्यास, गिरिराज शर्मा, महेश कुमावत, विजयलक्ष्मी, प्रेम देवी कुमावत, इरफान लीलगर, हरिशंकर गोयल, खेमचंद जाखोटिया, हरिराम बंजारा, मिट्ठू बंजारा, पुरुषोत्तम कुमावत, श्यामसुंदर, कुमावत ने सहयोग किया।
चांदी के कड़ों के लिए श्मशान में लड़े 2 बेटे
राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ जिले के विराटनगर क्षेत्र से एक मर्मस्पर्शी और शर्मनाक घटना सामने आई है। इस घटना ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया है, साथ ही रिश्तों की मर्यादा पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गांव लीला का बास की ढाणी में एक बेटे ने अपनी ही मां के अंतिम संस्कार को सिर्फ चांदी के कड़ों की खातिर रोक दिया।इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में बेटा चिता पर लेटा हुआ साफ नजर आ रहा है, जबकि ग्रामीण उसे समझाने की कोशिश कर रहे हैं। इस वीडियो ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। हालांकि राजस्थान पत्रिका इस वीडियो की पुष्टी नहीं करता है।जानकारी के मुताबिक यह घटना 3 मई दोपहर की है, जब गांव निवासी भूरी देवी (पत्नी स्व. छितरमल रेगर) का निधन हो गया। अंतिम संस्कार की तैयारियां हो रही थीं। घर से शव यात्रा निकली, बेटे और ग्रामीणों ने पूरी रीति-रिवाज के साथ क्रियाएं कीं, लेकिन श्मशान पहुंचते ही नजारा बदल गया।
इस दौरान मृतका के सात बेटों में पांचवें नंबर का बेटा ओमप्रकाश ने अचानक चिता पर ही लेटकर गहनों की मांग कर दी। उसका आरोप था कि मां के चांदी के कड़े उसे दिए जाएं, वरना वह अंतिम संस्कार नहीं होने देगा।