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मां मैं दौड़ जीत कर आऊंगा, यह कहकर घर से निकला था हिमांशु मैदान से कफ़न में लिपटकर घर पहुंचकर

कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी के लिए बच्चों को दौड़ प्रतियोगिता का अभ्यास करने के लिए बुलाया गया था। हिमांशु अपने घर से यह कह कर निकाला था। मां मैं दौड़ जीत कर आऊंगा। उसके बाद वह मैदान से जब कफन में लिपटकर घर पहुंचा तो बदहवास हो गए मां-बाप परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल है।

Bahraich-news
सांकेतिक फोटो जेनरेट AI

स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के तहत सआदत इंटर कॉलेज में बुधवार को आयोजित दौड़ प्रतियोगिता की रिहर्सल के दौरान एक दर्दनाक हादसा हो गया। अभ्यास के दौरान कक्षा नौ के छात्र हिमांशु कुमार की मैदान में ही अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। समय पर प्राथमिक उपचार न मिलने और लापरवाही के आरोपों ने स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बहराइच जिले के नानपारा क्षेत्र स्थित सआदत इंटर कॉलेज में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियां ज़ोरों पर थीं। बुधवार की सुबह करीब आठ बजे दौड़ प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए छात्रों को स्कूल बुलाया गया था। इसी दौरान भग्गापुरवा निवासी हिमांशु कुमार (15), जो कक्षा नौ का छात्र था, सौ और दो सौ मीटर रेस की तैयारी कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, जैसे ही सौ मीटर की दौड़ शुरू हुई, हिमांशु कुछ ही दूरी तय करने के बाद ट्रैक पर अचानक गिर पड़ा और बेहोश हो गया। शुरुआत में शिक्षकों को लगा कि तेज़ गर्मी के चलते उसकी तबीयत बिगड़ी है। इसलिए करीब एक घंटे तक पानी के छींटे मारकर उसे होश में लाने की कोशिश की गई। लेकिन जब हालत गंभीर होती गई, तब जाकर खेल शिक्षक निमिष गुप्ता और अन्य स्टाफ ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नानपारा पहुंचाया। वहां तैनात चिकित्सक डॉ. सुरेश वर्मा ने हिमांशु को मृत घोषित कर दिया।

परिजन बोले- समय से इलाज मिलने तो बच सकती थी हिमांशु की जान

इस घटना के बाद परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि अगर समय पर उचित चिकित्सा सुविधा मिलती तो हिमांशु की जान बचाई जा सकती थी। वहीं, कॉलेज प्राचार्य अरविंद मिश्र ने बताया कि घटना के तुरंत बाद एंबुलेंस को कॉल किया गया था, लेकिन उसके आने में देरी हुई। सआदत इंटर कॉलेज एक एडेड विद्यालय है। जिसकी प्रबंध समिति में जिलाधिकारी बहराइच अध्यक्ष, तहसीलदार नानपारा प्रबंधक और उपजिलाधिकारी उपाध्यक्ष के पद पर हैं। ऐसे में प्रशासनिक निगरानी में संचालित संस्थान में इस तरह की लापरवाही पर लोगों ने सवाल खड़े किए हैं। तहसीलदार अंबिका चौधरी, जो कॉलेज के प्रबंधक भी हैं। उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। हालांकि मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है।

किशोर में कठिन मेहनत करते समय हृदय गति रुक जाने के मामले बढ़े

इस घटना ने एक बार फिर स्कूलों में स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी कर दी हैं। चिकित्सक डॉ. सुरेश वर्मा ने बताया कि हाल के वर्षों में किशोरों में भी शारीरिक परिश्रम के दौरान हृदयगति रुकने के मामले बढ़े हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि खेल प्रतियोगिताओं से पहले छात्रों की स्वास्थ्य जांच और चिकित्सकीय निगरानी अनिवार्य की जानी चाहिए।

छात्र की मौत के मामले में सभी संबंधित पक्षों से होगी पूछताछ

कोतवाली नानपारा प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और सभी संबंधित पक्षों से पूछताछ की जाएगी।