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बहराइच कौड़ियाला नदी में नाव हादसे के तीसरे दिन लापता आठ लोगों का अब तक नहीं मिला सुराग, तट पर रोते रहे परिजन

बहराइच जिले के कौड़ियाला नदी में डूबी नाव के तीसरे दिन भी आठ लोगों का सुराग नहीं मिला। परिजन नदी तट पर टकटकी लगाए बैठे रहे। जबकि राहत टीमें दिनभर बहाव से जूझती रहीं। उम्मीदें अब धीरे-धीरे टूटने लगी हैं।

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Bahraich

सांकेतिक फोटो जेनरेट AI

बहराइच जिले के मिहींपुरवा क्षेत्र के भरथापुर गांव के पास कौड़ियाला नदी में बुधवार शाम हुए नाव हादसे को तीन दिन बीत चुके हैं। लेकिन अब तक लापता आठ लोगों का कोई पता नहीं चल सका। शुक्रवार सुबह सात बजे एक बार फिर राहत दलों ने तलाशी अभियान शुरू किया। मगर दिनभर की मशक्कत के बाद भी सफलता हाथ नहीं लगी। शाम होते-होते गांव के लोगों की उम्मीदें फिर से मुरझा गईं।

नदी किनारे सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही। परिजन अपने गुमशुदा परिजनों की एक झलक पाने की आस में दिनभर तट पर बैठे रहे। लेकिन सूरज ढलते ही निराशा छा गई। राहत कार्य की निगरानी कर रहे है। उपजिलाधिकारी रामदयाल ने बताया कि खोज अभियान को और तेज करने के लिए लखीमपुर से एनडीआरएफ की एक अतिरिक्त टीम बुलाई गई है। प्रशासन लगातार नदी में तलाशी करा रहा है। ताकि लापता लोगों का जल्द पता लगाया जा सके।

नदी से मिली एक बोरी पर लिखा बेचन लाल देख परिजन रो पड़े

हादसे के बाद गुरुवार को करीब 20 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। लेकिन शाम को तेज बारिश और बढ़ते जलस्तर के कारण अभियान रोकना पड़ा था। शुक्रवार सुबह होते ही फिर से खोजबीन शुरू हुई। एनडीआरएफ टीम की अगुवाई कर रहे राजन सिंह ने बताया कि नदी से कुछ सामान बरामद हुआ है। जिनकी पहचान की जा रही है। इनमें कपड़े, खाने-पीने की चीजें और रोजमर्रा की वस्तुएं शामिल हैं। नदी से मिली एक बोरी पर “बेचन लाल” लिखा देखकर परिजन रो पड़े।

13 लोगों को सुरक्षित निकाला गया एक महिला की मौत आठ अब भी लापता

स्थानीय लोगों के अनुसार, बुधवार को लगभग 22 ग्रामीण खैरटिया बाजार से सामान लेकर नाव से लौट रहे थे। शाम करीब छह बजे भरथापुर घाट के पास नाव नदी में गिरे एक पेड़ से टकराकर पलट गई। हादसे में 13 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया। जबकि एक महिला का शव बरामद हुआ था। अब भी पांच बच्चों समेत आठ लोग लापता हैं।

शनिवार को फिर शुरू हुआ रेस्क्यू अभियान

एसएसबी की 70वीं बटालियन के कमांडेंट राजन श्रीवास्तव के नेतृत्व में दो मोटरबोट और दो दर्जन जवान पूरे दिन नदी की तलाशी में जुटे रहे। उन्होंने बताया कि तेज बहाव और अंधेरा होने के कारण अभियान रोकना पड़ा। जिसे शनिवार सुबह फिर शुरू किया है।