3 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

15 दिनों में 18 नक्सलियों ने किया आत्म समर्पण

कहां जंगलों से लगातार बरामद किया जा रहा डंप, नक्सलियों में हडक़ंप जिले में अंतिम सांसे गिन रहा नक्सलवाद पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने दी जानकारी मार्च 2026 तक उन्मूलन का लक्ष्य

2 min read
Google source verification
कहां जंगलों से लगातार बरामद किया जा रहा डंप, नक्सलियों में हडक़ंप

कहां जंगलों से लगातार बरामद किया जा रहा डंप, नक्सलियों में हडक़ंप

जिले में जारी नक्सल विरोधी अभियान एक बार फिर बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ा है। भारत सरकार के मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मार्गदर्शन में जिले में नक्सल विरोधी अभियान को और अधिक सुदृढ़ कर दिया गया है। लगातार चल रही संयुक्त कार्यवाहियों ने नक्सलियों की गतिविधियों पर प्रभावी रोक बनाई है और उनके संसाधनों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसी का परिणाम है कि जिले में सक्रिय रहे करीब 18 नक्सलियों ने 15 दिनों में देश के विभिन्न स्थानों पर आत्म समर्पण किए हैं। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने मंगलवार को नक्सलवाद को जानकारी सांझा की।
उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करते हुए हॉकफोर्स, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन, जिला पुलिस बल और बीडीडीएस टीम को बड़े पैमाने पर लगाया गया है। पिछले कई दिनों से विशेष बलों द्वारा जंगलों, पहाडिय़ों और दुर्गम इलाकों में लगातार गश्त एवं तलाशी अभियान किए जा रहे हंै। इन अभियानों में विशेष रूप से बीडीडीएस टीम और डॉग स्क्वॉड की सहायता ली जा रही है। ताकि नक्सलियों द्वारा छिपाए गए विस्फोटक, हथियार और तकनीकी उपकरणों की खोज सुनिश्चित की जा सके।

दूसरी बार बरामद हुआ नक्सली डंप

सुरक्षा बलों ने हाल ही में 11 नवंबर को सिरका और अलीटोला क्षेत्र से नक्सलियों द्वारा छिपाए गए गोला बारूद, इलेक्ट्रॉनिक व मेडिकल किट का बड़ा जखीरा बरामद किया था। इस कार्रवाई से नक्सलियों के खुफिया ठिकानों और नेटवर्क पर बड़ा असर पड़ा था। इसी क्रम में एक और महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। थाना किरनापुर क्षेत्र के बोदालझोला के जंगलों में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने जमीन के भीतर गाड़े गए नक्सली डंप को बरामद किया है। इसमें एक एल्युमिनियम कंटेनर में छिपाई गई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक सामग्री, एक वायरलेस सेट और दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।

नक्सलियों में भय, कई ठिकाने खाली

एसपी मिश्रा के अनुसार लगातार हो रही कार्रवाईयों ने नक्सलियों के मनोबल और गतिविधियों को कमजोर किया है। सुरक्षा बलों के दबाव के चलते नक्सली अपने ठिकानों को खाली कर रहे हैं और जंगलों के भीतर और गहराई में खिसकने मजबूर हैं। संयुक्त अभियान का असर सिफ बालाघाट तक सीमित नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सीमा पर भी दबाव तेज हुआ है। इसी दबाव का परिणाम है कि एमएमसी जोन के कई नक्सली हाल के दिनों में सुरक्षा बलों के सामने आत्म समर्पण कर चुके हैं। निरंतर सर्चिंग और मुठभेड़ की आशंका के कारण अब नक्सलियों के अंदर भय का माहौल बन गया है।

समर्पण करें या करें सामना

एसपी के अनुसार मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दिया है कि नक्सलियों के पास दो ही विकल्प हैं, आत्म समर्पण करें या सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई का सामना करें। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी स्पष्ट किया है कि अभियान अब और अधिक तेज किया जाएगा और नक्सलियों की हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सुरक्षा बलों की रणनीति अब सिर्फ खोजबीन तक सीमित नहीं है, बल्कि नक्सल नेटवर्क के संसाधनों को ध्वस्त करना मुख्य लक्ष्य है।

नक्सल मुक्त की ओर कदम

बालाघाट पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही जिले को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा। जिले में सक्रिय सुरक्षा बलों का मनोबल उच्च है और पुलिस बल किसी भी चुनौती से निपटने को पूरी तरह तैयार है। पुलिस की सख्त और परिणामकारी कार्रवाई से नक्सलियों का तंत्र कमजोर हुआ है और संगठन लगातार पीछे हटने को मजबूर है।