Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बारिश के बाद अब सामने आ रहा नुकसानी का मंजर

किसानों के खेतों में भरा पानी, डूबी कटी धान की फसल धान फसल का दाना पड़ रहा काला, कटाई रुकी बिरसा और लांजी क्षेत्र से उठी मुआवजे की मांग

2 min read
Google source verification
किसानों के खेतों में भरा पानी, डूबी कटी धान की फसल

किसानों के खेतों में भरा पानी, डूबी कटी धान की फसल

पिछले शनिवार की रात और रविवार को दिन में हुई बारिश के बाद अब धीरे-धीरे नुकसानी के मंजर सामने आ रहे हैं। खासकर जिले के लांजी और बिरसा विकासखंड से खेतों के खेतों में बड़ी मात्रा में पानी भर जाने के दृश्य सामने आ रहे हैं। इन दिनों किसानों ने फसल कटाई कर धान के पुंज खेतों में रखे दिए हैं। बारिश से खेतों में पानी भर गया और रात भर धान के पुंज पानी में डूबे हैं। किसानों की आधे से अधिक फसलों के दाने काले पडऩे की जानकारी किसान दे रहे हैं। जिन्हें अब मजबूरन औने पौने दामों में अपनी फसल विक्रय करनी पड़ेगी। बिरसा और लांजी दोनों ही क्षेत्र के किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द फ सल क्षति आंकलन करवाकर मुआवजा घोषित करने की मांग की है।

आगामी दिनों में भी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने पश्चिमी विक्षोभ के कारण बारिश की चेतावनी जारी की है। अक्टूबर के अंत तक बारिश की संभावना व्यक्त की गई है। लगातार बारिश से धान की कटाई पूरी तरह रुक गई है। किसानों की चिंता बढ़ गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अगले तीन दिनों तक जिले में बूंदाबांदी और हल्की बारिश जारी रहने की संभावना है।

फसलें सडऩे की बढ़ी आशंका

लांजी, बिसोनी, बहेला, रिसेवाड़ा सहित लांजी के कई क्षेत्रों में हजारों बीघा में बोई गई धान की फ सल प्रभावित हुई है। कई किसानों के खेतों में पानी भर गया है, कटाई के लिए तैयार खड़ी फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं। किसानों ने बताया कि उनकी फ सल को 35 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। क्षेत्र के कई गांवों में जिन किसानों ने पहले ही कटाई कर ली थी और फसल को खेत के किनारों या खलिहान में रखा था, उनकी धान भी लगातार भीगने से सडऩे लगी है। किसानों ने बताया कि उनकी कटी हुई धान बारिश में पूरी तरह भीग चुकी है और यदि मौसम जल्द साफ नहीं हुआ तो पूरी फसल खराब हो जाएगी।

किसानों ने की मुआवजे की मांग

किसानों ने सरकार से आग्रह किया है कि वे जल्द से जल्द फ सल क्षति का आंकलन कर मुआवजा घोषित करें। उनका कहना है कि यदि समय पर आर्थिक सहायता नहीं मिली, तो यह नुकसान उनके परिवारों की आजीविका पर गंभीर असर डालेगा। किसानों ने बताया कि बेमौसम बारिश से उनकी धान पूरी तरह भीग चुकी है। अनाज में नमी बढ़ गई है, दाना काला पडऩे लगा है। कटाई के लिए अगले सात दिनों तक खेत में जाना भी मुश्किल है। ऊपर से अगली फसल भी अब देरी से होगी।
वर्सन
बारिश से धान की फसल को नुकसान होने की बात सामने आ रही है। कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग की टीमें प्रभावित इलाकों में पहुंचकर नुकसान का आंकलन शुरू कर रही हैं। प्रारंभिक सर्वे में कई क्षेत्रों में जहां फ सल पूर्व में गिर गई है और उसमें जलभराव हुआ है वहां पर आंशिक रूप से उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। जहां धान की फ सल गिरी नहीं है, वहां कोई नुकसान नहीं है।
कमलचंद सिंहसार, एसडीएम लांजी