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सुबह पांच से सात बजे तक रेत माफिया करते हैं खनन

चंदन नदी से अवैध रेत खनन, जिम्मेदार मौन नदी किनारे दर्जनभर गांव लोग परेशान

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चंदन नदी से अवैध रेत खनन, जिम्मेदार मौन

चंदन नदी से अवैध रेत खनन, जिम्मेदार मौन

कटंगी क्षेत्र में रेत कारोबारियों का बोलबाला लगातार बढ़ता जा रहा है। अस्वीकृत रेत घाटों से रात दिन बड़े पैमाने पर रेत का अवैध खनन किया जा रहा है। पर्यावरण नियमों को ताक पर रखकर नदी का सीना लगातार खोखला किया जा रहा है। हालात यह हैं कि अब इन कारोबारियों को शासन में बैठे नुमाइंदों का बिल्कुल भी डर नहीं रहा है, ये बेखौफ होकर चंदन नदी के अस्तित्व को मिटाने में लगे हुए है।

स्थानीय ग्रामीणों की माने तो रेत का यह अवैध कारोबार सुबह होते ही 5 बजे से शुरू हो जाता है, जो शाम 7 बजे तक चलता रहता है। कई बार शिकायतों के बावजूद राजस्व, खनिज और पुलिस विभाग आंखे मूंदकर तमाशबीन बना हुआ है।

इन गांवों में किया जा रहा खनन

चंदन नदी के किनारे बसे ग्राम नहलेसरा, लोहमारा, चिचगांव, उजाड़बोपली, उमरी, सावंगी, अतरी, कलगांव, बाहकल के घाटों से रेत कारोबारी जमकर रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। बाहकल कलगांव के ग्रामीणजनों का कहना है कई बार शिकायतें की गई, बावजूद प्रशासन दिखावटी निरीक्षण कर एकाध बार दिखावे की कार्रवाई कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है। कारण यही है इन रेत कारोबारियों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। चंदन नदी का मूल स्वरूप ही अब बदल गया है। मौके पर आठ से दस फीट तक की खुदाई के निशान आसानी से देखे जा सकते हैं।

जल स्तर पर पड़ रहा प्रभाव

ग्रामीणों की माने तो ग्रीष्मकाल के समय में नदी के किनारे बसे सैकड़ों ग्रामों में पानी का जलस्तर तेजी से नीचे जाने लगता है। किनारे से मिट्टी का कटाव होने लगता है, जो अब किसानों के खेतों तक पहुंच गया है। यदि इसी तरह रेत का अवैध खनन जारी रहा, तो आने वाले वर्षों में नदी का अस्तित्व पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। आने वाली पीढ़ी चंदन नदी का केवल नाम ही सुन पाएगी, उसे देख नहीं पाएगी।

यहां विधायक ने उठाई थी आवाज

दो, तीन साल पूर्व ग्राम बाहकल, अतरी, कलगांव, नदलेसरा के ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक गौरव सिंह पारधी से शिकायत की थी। विधायक ने कलगांव, बाहकल के स्वीकृत रेत घाटों पर जाकर रेत के अवैध खनन पर रोक भी लगवाई। शासन ने दोनों रेत घाटों की स्वीकृति को निरस्त भी किया था। बावजूद अब इन अस्वीकृत रेत घाटों से राजस्व, खनिज और पुलिस के अधिकारियों के सामने बेजा रेत का खनन किया जा रहा है। प्रशासन इन पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहा है।

आवाज उठाने पर मिलती है धमकी

ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जब भी अवैध खनन रोकने की मांग या शिकायत की जाती है, तो इन कारोबारी उन्हें धमकियां देते हैं। ना कोई रॉयल्टी, ना ही कोई झंझट, स्थानीय अमले से सांठगांठ कर बेखौफ रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। जागरूक ग्रामीणों का कहना है प्रशासन की अनदेखी और चुप्पी ने इन रेत कारोबारियों के हौसले को बढ़ाया है। ग्रामीणों की मांग है कि तत्काल रेत के अवैध खनन पर रोक लगाई जाए। इन क्षेत्रों में खनिज एवं राजस्व के अधिकारी लगातार गस्त करें, साथ ही साथ पर्यावरण नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
वर्सन
जहां से भी शिकायत आती है। हम कार्रवाई करते हैं। आपके बताए गए क्षेत्रों में भी निरीक्षण किया जाएगा। मौके पर खान पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
सुरेश कुलस्ते, खनिज निरीक्षण कटंगी