Crop Damage : बालोद जिले का मौसम एक बार फिर बदला। शुक्रवार-शनिवार बीती रात से जारी रिमझिम बारिश और सुबह 3 से 6 बजे तक तेज बारिश हुई। इस बार बारिश किसानों के लिए राहत नहीं बल्कि आफत बन गई है। क्योंकि तेज बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं। वहीं खेतों में बारिश का पानी भर गया है। खेतों में ही धान की फसल डूबी हुई है, जिससे धान की फसल खराब होने की स्थिति में है। वहीं दूसरी और कृषि व राजस्व विभाग भी अब बारिश से फसल नुकसान होने की जानकारी मंगा रहे हैं। मानसून की विदाई के समय हो रही बारिश किसानों के लिए मुसीबत बन गई है। अधिकांश किसानों के खेतों में धान की बालियां निकल आई हैं और बारिश के कारण फसल खेतों में गिर रहे हैं। कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि धान की फसलों की देखभाल जरुरी है।
जिले के सबसे बड़े तांदुला जलाशय के गेट को बंद कर दिया है। बेमेतरा जिले के बेरला ब्लॉक से पानी की मांग ज्यादा आ रही थी, जिसे देखते हुए विगत लगभग एक माह से ज्यादा समय तक पानी आपूर्ति के कारण खोला गया था। पानी की पर्याप्त आपूर्ति के बाद अब तांदुला के गेट को बंद कर दिया गया है। तेज बारिश से तांदुला जलाशय एक बार फिर ओवर फ्लो हो गया है। सिंचाई विभाग के मुताबिक तांदुला जलाशय लगभग एक माह से भी लंबे वक्त से ओवरफ्लो है। यही नहीं तांदुला जलाशय के अलावा गोंदली, खरखरा व मटियामोती जलाशय भी बीते कुछ दिनों से लगातार ओवरफ्लो हो रहा है।
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इस बार समय-समय पर बारिश हुई तो किसानों को भी राहत मिली क्योंकि इस बार मानसून सीजन में धान की फसल की सिंचाई के लिए मोटरपंप की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन जब धान पकने की स्थिति में है तो बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। जामगांव बी व गुरुर क्षेत्र सहित बालोद ब्लॉक में भी कई किसानों की फसल बारिश डूब गई है।
शनिवार को हुई बारिश सबसे ज्यादा बालोद तहसील में हुई। यहां 51.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। वहीं डौंडीलोहारा में 30, डौंडी में 23.3, मार्रीबंगला देवरी तहसील में 25.7 मिमी बारिश व सबसे कम बारिश गुंडरदेही तहसील में 1.2, गुरुर में 9.8 व अर्जुंदा तहसील में 16.4 मिमी बारिश दर्ज की गई।
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सिंचाई विभाग के ईई पियूष देवांगन ने कहा इस बार अच्छी बारिश होने से जिले के तांदुला जलाशय सहित सभी प्रमुख जलाशय ओवरफ्लो हो रहा है। जलाशयों की बेहतर जलभराव के कारण इस बार किसानों के अलावा जिलेवासियों व पड़ोसी जिले के किसानों के लिए बड़ी राहत है। निस्तारी व पेयजल की समस्या भी नहीं होगी।
वहीं जिला कृषि उपसंचालक आशीष चंद्राकर ने कहा कि खेतों में अगर पानी भरा हो, फसल डूबी हो तो कोशिश करें कि जल्द से जल्द पानी खेतों से बाहर निकालें। ज्यादा दिन तक पानी के सम्पर्क में धान की बालियां आने से धान खराब भी हो सकता है। धान की सुरक्षा के प्रति गंभीरता बरतें। तेज बारिश से खेतों में भरे पानी में फसल डूबने की जानकारी मिली है। फसल सर्वे कराया जा रहा है।
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Updated on:
11 Oct 2025 11:31 pm
Published on:
11 Oct 2025 11:05 pm
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