शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए अतिथि व्याख्याताओं Guest Lecturers की भर्ती में देरी से कॉलेजों में अफरा-तफरी मच गई है। सरकारी डिग्री कॉलेजों सेवाएं दे रहे हजारों व्याख्याताओं को सेवामुक्त करने का कॉलेजिएट शिक्षा विभाग का निर्णय छात्रों पर भारी पड़ रहा है। उन्हें हटाए हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है और कॉलेजों में शैक्षणिक गतिविधियां बुरी तरह से प्रभावित हो गई हैं। छात्रों Students को मुश्किल दौर से गुजरना पड़ रहा है।
घर लौटने पर मजबूर
कॉलेजिएट शिक्षा विभाग ने दो अगस्त को 11,000 से ज्यादा अतिथि व्याख्याताओं को सेवामुक्त कर दिया था और तब से राज्य भर के कॉलेजों में कई विषयों की नियमित कक्षाएं नहीं हो रही हैं। हजार से ज्यादा छात्रों वाले कई कॉलेजों में, केवल कुछ ही स्थायी व्याख्याता हैं। उनके लिए सभी के लिए कक्षाएं चलाना असंभव है। नतीजतन, छात्र बिना कक्षाओं के घर लौट रहे हैं। कुछ कॉलेजों में, वाणिज्य, कंप्यूटर विज्ञान और व्यवसाय प्रबंधन जैसे विषयों से संबंधित कक्षाएं लेने के लिए कोई स्थायी व्याख्याता नहीं है।
नवंबर में परीक्षाएं
शहर Bengaluru के एक डिग्री कॉलेज Degree College के एक छात्र ने बताया कि करीब एक महीने से कई विषयों की पढ़ाई नहीं हुई है। वर्तमान सेमेस्टर अक्टूबर तक समाप्त हो जाएगा और उन्हें नवंबर में परीक्षाएं हैं। पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए बचा समय अपर्याप्त है।
न्यायालय में मामला लंबित
सरकारी कॉलेजों में अतिथि संकाय समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सोमशेखर एच. शिमोग्गी ने कहा कि सरकार ने उच्च न्यायालय में लंबित एक मामले का हवाला देते हुए अतिथि संकाय की भर्ती में देरी की।
उन्होंने बताया कि लोगों के एक समूह ने अदालत का रुख किया है और मांग की है कि केवल विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार योग्यता रखने वालों को ही अतिथि संकाय के रूप में नियुक्त किया जाए। इस मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है।
वैकल्पिक नौकरी नहीं
उन्होंने कहा कि जब मामला अदालत में चल रहा है, तब भी सरकार को छात्रों को होने वाली असुविधा से बचने के लिए अदालत के अंतिम आदेश के अधीन अतिथि व्याख्याताओं की भर्ती करनी चाहिए थी। ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने दशकों तक अतिथि व्याख्याता के रूप में काम किया है। अगर उन्हें अतिथि व्याख्याता के रूप में जारी नहीं रखा जाता है, तो उनके पास कोई वैकल्पिक नौकरी नहीं है।
Published on:
30 Aug 2025 07:15 pm