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इसरो ने किया गगनयान सर्विस मॉड्यूल के प्रोपल्शन सिस्टम का विकास

मानव अंतरिक्ष मिशन की दिशा में अहम सफलता 350 सेकेंड का हॉट टेस्ट, परीक्षण पूर्वानुमानों पर खरा

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने गगनयान मिशन के सर्विस मॉड्यूल प्रणोदन प्रणाली (प्रोपल्शन सिस्टम) का विकास सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की दिशा में यह सफलता एक मील का पत्थर है। हाल ही में इसरो ने सर्विस मॉड्यूल की प्रोपल्शन सिस्टम (इंजन) के दो हॉट टेस्ट किए थे।

इसरो ने कहा है कि पूर्ण इंटीग्रेटेड प्रोपल्शन प्रणाली को परखने के लिए 350 सेकेंड की पूर्ण अवधि का हॉट टेस्ट किया गया। हॉट टेस्ट ऐसा परीक्षण होता है जिसमें रॉकेट या अंतरिक्ष यान की प्रणोदन प्रणाली को वास्तविक स्थितियों में चलाकर परखा जाता है। इस परीक्षण से यह सुनिश्चित होता है कि प्रणोदन प्रणाली या थ्रस्टर अंतरिक्ष की अपेक्षित परिस्थितियों में सही ढंग से काम करेंगे या नहीं। इसरो ने कहा है कि हॉट टेस्ट के दौरान प्रणोदन प्रणाली का प्रदर्शन परीक्षण पूर्वानुमानों के अनुसार रहा।

एलपीएससी ने किया विकास

इसरो ने कहा है कि द्रव नोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के नेतृत्व में गगनयान सर्विस मॉड्यूल के प्रणोदन प्रणाली का विकास किया गया है। गगनयान में क्रू मॉड्यूल और सर्विस मॉड्यूल होंगे। क्रू मॉड्यूल में अंतरिक्षयात्री रहेंगे, वहीं सर्विस मॉड्यूल के सहारे ही क्रू मॉड्यूल का पृथ्वी की कक्षा में परिचालन होगा। क्रू मॉड्यूल के अंदर लाइफ सपोर्ट सिस्टम्स आदि सर्विस मॉड्यूल के जरिए ही पहुंचाया जा सकेगा। पृथ्वी की कक्षा में क्रू मॉड्यूल का परिचालन सर्विस मॉड्यूल की प्रणोदन प्रणाली के जरिए किया जाएगा, जिसके लिए इसमें 5 तरल अपोगी मोटर (एलएएम) इंजन होंगे और प्रत्येक इंजन 440 किलो न्यूटन का थ्रस्ट पैदा करेगा। इसके अलावा इसमें 16 रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम्स (आरसीएस) इंजन होंगे और प्रत्येक 100 न्यूटन का थ्रस्ट पैदा करेंगे।