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करंट लगने से दो जंगली हाथियों की मौत

हाथियों के शव गन्ने और धान के खेतों के पास मिले। मौके पर पहुंचे एक वन अधिकारी ने बताया कि कुछ किसानों ने हेस्कॉम की बिजली लाइनों से तार जोड़कर, उन्हें जमीन पर फेंक दिया था। संभावना है कि हाथी इन तारों पर चलते समय करंट की चपेट में आ गए। जांच के बाद ही वास्तविक कारण सामने आएगा।

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राज्य Karnataka में मानव-वन्यजीव संघर्ष Human-Wildlife Conflict थमने के नाम नहीं ले रहा है। कभी वन्यजीव तो कभी लोगों के मरने का सिलसिला जारी है।बेलगावी नगरगली वन क्षेत्र के गांवों में रविवार को दो जंगली हाथियों की रहस्यमय परिस्थितियों में करंट लगने से मौत हो गई।

वन अधिकारियों का अनुमान है कि हाथी उन बिजली के तारों के संपर्क में आ गए होंगे, जिन्हें कुछ किसानों ने फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए अवैध रूप से बिछाया था।

हाथियों Elephant के शव गन्ने और धान के खेतों के पास मिले। मौके पर पहुंचे एक वन अधिकारी ने बताया कि कुछ किसानों ने हेस्कॉम की बिजली लाइनों से तार जोड़कर, उन्हें जमीन पर फेंक दिया था। संभावना है कि हाथी इन तारों पर चलते समय करंट की चपेट में आ गए। जांच के बाद ही वास्तविक कारण सामने आएगा।

वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ता गिरीधर कुलकर्णी ने इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि वन मंत्री ईश्वर खंड्रे के हाथियों की बिजली से मौत की घटनाओं की जांच और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश के बावजूद ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जिन अधिकारियों ने लापरवाही दिखाई है, उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि पिछले 10 दिनों से खानपुर सीमा के गांवों में जंगली हाथियों की मौजूदगी की खबरें थीं। इसके बावजूद वन और हेस्कॉम अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। नियमों के अनुसार, ऐसे मामलों में गांववालों की बैठक बुलाकर बिजली आपूर्ति अस्थाई रूप से बंद की जानी चाहिए और फसलों की सुरक्षा के उपाय किए जाने चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। ऐसा लगता है कि कुछ किसानों ने बिजली की लाइन से तार जोड़कर हाथियों को करंट से मार दिया।