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राजस्थान में यहां इंद्रदेव को मनाने का अनोखा तरीका, तलवार लेकर पुरुष के वेश में सड़कों पर निकलीं महिलाएं

आनंदपुरी (बांसवाड़ा)। ग्राम पंचायत टामटिया की महिलाओं ने रविवार को सदियों पुरानी परंपरा ‘धाड़’ का आयोजन कर इंद्र देव से वर्षा की प्रार्थना की। इस विशेष अनुष्ठान में महिलाएं पुरुषों का वेश धारण कर जुलूस के रूप में सड़कों पर निकलीं। मान्यता है कि इससे इंद्र देव प्रसन्न होकर वर्षा करते हैं। सुबह माला देवी […]

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भगवान इंद्र को रिझाने के लिए तलवार लेकर पुरुष के वेश में निकलीं महिलाएं। फोटो: पत्रिका

आनंदपुरी (बांसवाड़ा)। ग्राम पंचायत टामटिया की महिलाओं ने रविवार को सदियों पुरानी परंपरा ‘धाड़’ का आयोजन कर इंद्र देव से वर्षा की प्रार्थना की। इस विशेष अनुष्ठान में महिलाएं पुरुषों का वेश धारण कर जुलूस के रूप में सड़कों पर निकलीं। मान्यता है कि इससे इंद्र देव प्रसन्न होकर वर्षा करते हैं। सुबह माला देवी माता मंदिर से धाड़ की शुरुआत हुई। महिलाएं धोती-कुर्ता, सिर पर सफेद पगड़ी और हाथों में तलवारें, लाठियां तथा अन्य पारंपरिक हथियार लिए हुए लोकगीतों पर नृत्य करती हुई कांगलिया चौराहे तक पहुंचीं।

महिलाओं ने पारंपरिक आदिवासी लोकगीत गीत के माध्यम से वर्षा, उर्वरता और समृद्धि का आह्वान किया। इन गीतों में इंद्र देव की महिमा और ग्रामीण जीवन में पानी के महत्व का चित्रण दर्शाया गया। जुलूस वापसी में फिर मंदिर प्रांगण में पहुंचा, जहां सामूहिक पूजा-अर्चना और वर्षा के लिए प्रार्थना की गई।

पुरुष वेश की परंपरा और मान्यता

धाड़ परंपरा में महिलाएं पूरी तरह पुरुषों का वेश अपनाती हैं और जुलूस के दौरान उनके सामने पुरुषों का गुजरना वर्जित माना जाता है। यह प्रथा मुख्य रूप से सूखे या कम बारिश की स्थिति में की जाती है।

बारिश की कमी से बढ़ी चिंता

जुलाई में मानसून की शुरुआत के बाद क्षेत्र में कुछ बरसात हुई थी, लेकिन अगस्त में अब तक अपेक्षित वर्षा नहीं हो पाई है। खेतों में बुवाई हो चुकी है, लेकिन नमी की कमी से फसलों की वृद्धि प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है, बल्कि सामूहिक रूप से प्रकृति से संवाद का भी प्रतीक है।