Tragedy in Barabanki: शुक्रवार सुबह जिले में हुई मूसलाधार बारिश एक बड़े सड़क हादसे का कारण बन गई। बाराबंकी से हैदरगढ़ जा रही उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की एक अनुबंधित बस पर अचानक एक विशालकाय गूलर का पेड़ गिर गया, जिससे मौके पर ही छह लोगों की मौत हो गई। मृतकों में बस चालक और चार महिला शिक्षक शामिल हैं, जबकि एक अन्य यात्री की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हादसे में कई यात्री घायल भी हुए हैं।
यह हादसा जैदपुर थाना क्षेत्र के हरख चौराहे के पास सुबह करीब 8 बजे हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस अपनी सामान्य रफ्तार से जा रही थी, तभी तेज हवाओं और बारिश के बीच सड़क किनारे खड़ा पुराना गूलर का पेड़ अचानक जड़ों से उखड़कर बस पर आ गिरा। पेड़ का वजन इतना था कि बस की छत और खिड़कियां बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं, और कुछ यात्री अंदर ही फंस गए। पेड़ गिरते ही बस में सवार लोगों में चीख-पुकार मच गई। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़े और पुलिस व बचाव दल को सूचना दी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड, और जिला प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं। जेसीबी मशीन की मदद से पेड़ को काटकर हटाने का काम शुरू हुआ। बस में फंसे घायलों को निकालकर नजदीकी अस्पताल भेजा गया। कुछ गंभीर रूप से घायलों को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। बाराबंकी के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कार्य का निरीक्षण किया और हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए। प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को सरकारी मुआवजे का आश्वासन दिया।
मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बाराबंकी जिले में तेज बारिश के साथ 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। लगातार बारिश से पेड़ों की जड़ें कमजोर हो गई थीं, जिससे भारी पेड़ का गिरना आसान हो गया। हादसे में शामिल गूलर का पेड़ कई वर्षों पुराना था और उसका तना काफी कमजोर हो चुका था।
पुलिस ने मृतकों की पहचान बस चालक और चार महिला शिक्षकों के रूप में की है, जो अपने विद्यालय जा रही थीं। एक अन्य यात्री की भी मौत हुई है। घायलों में महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं। मृतकों के नाम और पते प्रशासन द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद जारी किए जाएंगे। घायलों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने सड़क किनारे जर्जर पेड़ों को समय पर न हटाने पर नाराज़गी जताई। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे कमजोर और पुराने पेड़ों की पहचान कर उन्हें समय रहते हटाना चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
हादसे के बाद उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने सभी यात्रियों और वाहन चालकों से सजग और सतर्क रहने की अपील की है। निगम ने कहा है कि
यह हादसा सरकार और प्रशासन के सामने एक बार फिर सड़क सुरक्षा, पेड़ प्रबंधन और सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने हादसे की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मृतकों के परिजनों को तुरंत सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बरसात के मौसम में यातायात विभाग और वन विभाग को मिलकर सड़क किनारे खड़े पुराने पेड़ों की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा, बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों के रूट पर विशेष निगरानी रखी जानी चाहिए, ताकि इस तरह के हादसों से बचाव हो सके।
Updated on:
08 Aug 2025 03:04 pm
Published on:
08 Aug 2025 01:41 pm