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अंता उपचुनाव: प्रचार के अंतिम दिन अशोक गहलोत ने नरेश मीणा को बताया ‘मिसगाइड’; जानें क्या हैं इसके मायने

Anta Assembly By-election: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में प्रचार का शोर रविवार शाम थम गया।

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Ashok Gehlot and Naresh Meena

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Anta Assembly By-election: राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में प्रचार का शोर रविवार शाम थम गया। ठीक उसी दिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा पर ऐसा बयान दिया जो अब पूरे प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में गूंज रहा है। इस दौरान कांग्रेस के बड़े नेता मंच पर मौजूद थे।

भाषण में अशोक गहलोत ने कहा कि पता नहीं नरेश किनके हाथों में खेल रहा है। जो इसे गाइड कर रहा है, वो इसका दुश्मन है, हितैशी नहीं। गहलोत यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि मुझे दुख होता है कि नरेश जैसा नौजवान लड़का मिसगाइड होकर राजनीति कर रहा है। बेवजह मीणा समाज को क्यों परेशान कर रहा है? मैं मीणा समाज से अपील करता हूं कि समझदारी से काम लें।

गहलोत का यह बयान किसी साधारण टिप्पणी से कहीं ज्यादा है। गहलोत के राजनीतिक करियर में उनके हर शब्द का वजन होता है और इस बार भी उन्होंने बिना नाम लिए कई नेताओं पर निशाना साध दिया।

किन नेताओं की ओर इशारा?

नरेश मीणा निर्दलीय उम्मीदवार हैं, लेकिन उनकी सभाओं में जो चेहरे नजर आ रहे हैं, वे किसी से छिपे नहीं। खुद नरेश ने मंच से पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की खुलकर तारीफ की। गुढ़ा तो उनके साथ लगातार मंच साझा कर रहे हैं। बेनीवाल ने भी खुला समर्थन दिया है। आप ने भी परोक्ष रूप से नरेश को बैकअप दिया है।

दूसरी तरफ नरेश मीणा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर लगातार हमलावर हैं। अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया, अशोक चांदना सहित हर बड़े कांग्रेसी चेहरे को वे निशाना बना रहे हैं। उनकी हर सभा में कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी की जा रही है।

यहां देखें वीडियो-


गुढ़ा, बेनीवाल और आप नेतृत्व पर निशाना?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गहलोत ने बिना नाम लिए गुढ़ा, बेनीवाल और आप नेतृत्व पर सीधा प्रहार किया है। वे यह बता रहे हैं कि नरेश मीणा का असली दुश्मन कांग्रेस नहीं, बल्कि वे लोग हैं जो उन्हें आगे कर रहे हैं। यह बयान मीणा समाज को भी अलर्ट कर रहा है कि निर्दलीय उम्मीदवार के बहाने समाज को बांटा जा रहा है।

वहीं, ये भी माना जा रहा है कि गहलोत जानते हैं कि अंता में मीणा वोट बैंक निर्णायक है। नरेश मीणा अगर 15-20 हजार वोट भी काट लेते हैं तो कांग्रेस की राह मुश्किल हो जाएगी। इसलिए गहलोत ने दोहरा दांव खेला है- एक तो नरेश को मिसगाइड बताकर उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया, दूसरे मीणा समाज को यह एहसास कराया कि उनके अपने बेटे को कोई बाहर का नेता इस्तेमाल कर रहा है।

कांग्रेस की रणनीति बदली

गहलोत के इस बयान के बाद कांग्रेस का प्रचार अब पूरी तरह मीणा समाज को एकजुट करने पर केंद्रित हो गया है। रविवार को अंतिम दिन कांतिलाल भूरिया, टीकाराम जूली, गोविंद सिंह डोटासरा सहित तमाम बड़े नेता मीणा बाहुल्य गांवों में कैंपेन करते नजर आए। अंता-मांगरोल सहित कई गांवों में रोड शो भी किया, इसके अलावा मांगरोल कृषि मंडी में जनसभा की। हालांकि नरेश मीणा ने अभी तक गहलोत के इस बयान पर औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

11 नवंबर को अंता की 2.68 लाख वोटरों की किस्मत ईवीएम में कैद होगी। कांग्रेस ने प्रमोद जैन भाया को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने मोरपाल सुमन को टिकट दिया है। लेकिन असली लड़ाई नरेश मीणा की वजह से त्रिकोणीय हो गई है।