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अंता उपचुनाव: क्या नरेश मीणा को ‘चांदनी’ बोलना पड़ा भारी? अशोक चांदना ने कैसे रचा चक्रव्यूह, जानिए पूरी कहानी

Anta By-election Results: राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

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Naresh Meena and Ashok Chandna

पत्रिका फाइल फोटो

Anta By-election Results: राजस्थान के अंता विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने बीजेपी उम्मीदवार को 15,612 वोटों के बड़े अंतर से हराकर सत्ताधारी दल को झटका दिया। यह जीत सिर्फ एक सीट की नहीं, बल्कि 2028 विधानसभा चुनावों की 'टेस्ट डोज' मानी जा रही है।

इस जीत के हीरो बने पूर्व मंत्री और हिण्डोली विधायक अशोक चांदना, जिन्हें पार्टी ने चुनाव प्रभारी नियुक्त किया था। लेकिन चर्चा का केंद्र बना चांदना का नरेश मीणा पर दिया बयान, जो अब मीणा के लिए भारी पड़ता नजर आ रहा है।

नरेश और चांदना के बीच जुबानी जंग

बता दें, चुनाव प्रचार के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और चांदना के बीच जुबानी जंग छिड़ गई थी। मीणा ने चांदना पर व्यक्तिगत हमला बोलते हुए उन्हें 'चांदनी' कहकर मजाक उड़ाया। इससे भड़के चांदना ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस के लिए पूरी ताकत झोंक दी।

घर-घर प्रचार, बूथ स्तर की रणनीति और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने में चांदना ने कोई कसर नहीं छोड़ी। सोशल मीडिया पर उनका बयान वायरल हुआ- “याचना नहीं, अब रण होगा, युद्ध होगा और युद्ध बड़ा भीषण होगा…” यह बयान मीणा के हमले का करारा जवाब था।

डोटासरा ने चांदना को बताया 'टाइगर'

नतीजे आने के बाद जश्न का माहौल था। अंता से जयपुर तक कांग्रेस कार्यकर्ता उत्साह में डूबे। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सबसे पहला फोन चांदना को किया और उन्हें 'टाइगर' कहकर संबोधित किया। डोटासरा बोले कि, हैलो टाइगर… इस जीत के हीरो आप हैं। आपकी मेहनत रंग लाई, पूरी टीम को बधाई। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चांदना की रणनीति और मेहनत की पीठ थपथपाई।

बता दें, चांदना ने क्षेत्र में लगातार दौरे किए, स्थानीय पदाधिकारियों से संवाद किया, चौपालें लगाईं और जनसंपर्क कार्यक्रमों से माहौल बनाया। उनकी आक्रामक शैली ने कांग्रेस खेमे में नई ऊर्जा भरी।

यहां देखें वीडियो-


जीत के बाद क्या बोले चांदना?

जीत के बाद चांदना ने बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो साल के शासन से जनता खुश नहीं। बीजेपी की अंदरूनी गुटबाजी टिकट वितरण से चुनाव प्रबंधन तक खुलकर सामने आई, जिससे बड़ा नुकसान हुआ। चांदना ने खुलासा किया कि बीजेपी सरकार वसुंधरा राजे के चुने उम्मीदवार को जीत नहीं दिलाना चाहती थी, इसलिए नरेश मीणा को मैदान में उतारा गया। यह रणनीति ही बीजेपी के लिए भारी पड़ गई। निकाय और पंचायत चुनावों से पहले यह जीत कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने वाली है।

चांदना ने नरेश मीणा को लेकर क्या कहा?

इस दौरान चांदना ने कहा कि सियासत में व्यवहार सबसे अहम है। नरेश मीणा में दम है, लेकिन केवल इंजन मजबूत होने से कुछ नहीं होता। अगर पटरी सही न हो तो ट्रेन आगे नहीं बढ़ती। यह बयान वोटिंग के बाद बैलेंसिंग दिखाता है, लेकिन मीणा के लिए सबक। चांदना ने पहले भी मीणा को सलाह दी थी कि अपने 'इंजन' को सही पटरी पर लाएं, वरना राजनीतिक यात्राएं बार-बार पटरी से उतरेंगी। मीणा की हार के पीछे यही 'गलत पटरी' मानी जा रही है।

बताते चलें कि चांदना की अपनी सीट पर मीणा समाज के करीब 50 हजार वोटर हैं, जो उनके समाज के वोटरों जितने ही। अंता में रिस्क लेकर आगे आए चांदना ने अकेले मोर्चा संभाला। वहीं, वसुंधरा राजे की सियासी पारी पर सवालों के बीच चांदना ने टिप्पणी से इनकार किया। बोले कि वे बड़ी नेता हैं, दो बार सीएम रहीं, कुछ कहना उचित नहीं।


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