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Anta by-election : अंता का मतदाता खामोश, आखिरी पल तक बना रहेगा सस्पेंस, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

Anta by-election : अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए 11 नवम्बर को वोट पड़ेंगे। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से भले ही अंता विधानसभा क्षेत्र में मौसम सर्द हो गया हैं, लेकिन यहां का सियासी पारा गर्म हो चुका है। यहां पर भाजपा को अपनी सीट बचाने तो कांग्रेस को जीत की बड़ी चुनौती है। पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट।

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Anta by-election Update Anta voters remain silent suspense will continue till last moment read ground report

काशीपुरा में सड़क किनारे बैठे ग्रामीण। फोटो पत्रिका

Anta by-election : अंता विधानसभा उपचुनाव के लिए 11 नवम्बर को वोट पड़ेंगे। पिछले दिनों हुई लगातार बारिश से भले ही अंता विधानसभा क्षेत्र में मौसम सर्द हो गया हैं, लेकिन यहां का सियासी पारा गर्म हो चुका है। सोशल मीडिया पर उपचुनाव को लेकर जबरदस्त जंग छिड़ी हुई है।

भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद अब 11 नवम्बर को यहां उपचुनाव होने जा रहे हैं। अब तक हुए चार चुनावों में कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो बार जीत दर्ज की है। इस पर 15 उम्मीदवारों के बावजूद इस बार मुकाबला त्रिकोणीय है। कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को लगातार पांचवीं बार मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने स्थानीय उम्मीदवार बारां के प्रधान मोरपाल सुमन पर भरोसा जताया है। छबड़ा व देवली-उनियारा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रह चुके नरेश मीणा ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।

अब बनने लगा है चुनावी माहौल

क्षेत्र में मतदाता अभी खामोश हैं। उनका कहना है कि त्योहार खत्म होने के बाद अब चुनावी माहौल बनने लगा है। यह अंतिम दिनों में चरम पर रहेगा। लोगों का कहना है कि आखिरी पल तक चुनाव को लेकर सस्पेंस बना रहेगा।

अंता विधानसभा क्षेत्र एक नजर में

कुल मतदाता 2,27,563
पुरुष 1,16,406
महिला 1,11,154
दिव्यांग 2,109
अन्य 4
मतदान केंद 268

अब तक बने विधायक

2008 प्रमोद जैन भाया (कांग्रेस)
2013 प्रभुलाल सैनी (भाजपा)
2018 प्रमोद जैन भाया (कांग्रेस)
2023 कंवरलाल मीणा (भाजपा)

अंता उपचुनाव : स्थानीय मुद्दे हावी

क्षेत्र में स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी हैं। अंता के व्यापारी गजेन्द्र गर्ग और विनोद मंगल का कहना है कि अंता में बस स्टैंड और सब्जी मंडी की गम्भीर समस्या है। काशीपुरा गांव में सड़क किनारे बैठे चंद्रप्रकाश धाकड़, पृथ्वीराज और बिरधीचंद ने कहा कि उनकी पंचायत का मुख्यालय 18 किमी दूर है, कोई सुनवाई नहीं होती। थाना सीसवाली और अदालत मांगरोल में होने से लोगों को 12 से 30 किमी तक जाना पड़ता है।

सीसवाली बस स्टैंड पर रेस्टोरेंट संचालक भानु प्रजापति ने बताया कि यहां कृषि गौण मंडी तो बना दी गई, लेकिन आज तक उसमें कारोबार शुरू नहीं हुआ। काश्तकारों को बारां या कोटा जाना पड़ता है। अस्पताल में चिकित्सकों के कई पद रिक्त हैं। मांगरोल कस्बे के आजाद चौक पर मिले लोकेश और रमेशचंद मेरोठा ने मांगरोल खादी को संरक्षण देने की मांग की।