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सर्वार्थसिद्धि योग में सजी भाइयों की कलाई, भद्रा का साया नहीं रहने से मिली राहत

इस बार भद्रा का साया का ही नहीं रहेगा। इस बार 8 अगस्त को दिन में 2 बजकर 12 मिनट से पूर्णिमा प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। श्रवण नक्षत्र दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।

बारां

Mukesh Gaur

Aug 09, 2025

इस बार भद्रा का साया का ही नहीं रहेगा। इस बार 8 अगस्त को दिन में 2 बजकर 12 मिनट से पूर्णिमा प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। श्रवण नक्षत्र दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
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जिलेभर में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा रक्षाबंधन का त्योहार

बारां/मांगरोल/छबड़ा. रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा 9 अगस्त को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. भानू शास्त्री ने बताया कि धर्मङ्क्षसधु के अनुसार रक्षाबंधन पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को भद्रा उपरान्त अपराह्न काल या प्रदोषकाल में मनाया जाता है। लेकिन इस बार भद्रा का साया का ही नहीं रहेगा। इस बार 8 अगस्त को दिन में 2 बजकर 12 मिनट से पूर्णिमा प्रारंभ हो रही है, जो अगले दिन दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। श्रवण नक्षत्र दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। लेकिन इस बार भद्रा विष्टि नामक करण एक दिन पहले ही समाप्त हो जाने से 9 अगस्त को पुरे दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगाा।

बन रहे तीन संयोग

शास्त्री बताते हैं कि इस बार रक्षाबंधन के दिन बहुत ही शुभ संयोग बन रहे है।सौभाग्य नाम के योग के साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग एवं सूर्योदय समय बुधादित्य योग भी बन रहा है।

प्रात: काल से ही मुहूर्त

ज्योतिष के अनुसार इस दिन भद्रा काल नहीं होने से प्रात: काल से ही शुभमुहूर्त रहेंगे। राहु काल 9.16 से सुबह 10.54 तक होने से यह समय त्याज्य रहेगा। इसके बाद दोपहर 12.7 बजे से 12.59 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा, इसे शास्त्रों के अनुसार सबसे श्रेष्ठ काल माना जाता है। इसके अलावा अपराह्न काल में दोपहर 1.51 से 4.28 तक, प्रदोषकाल में सांय 7.05 से 9.16 तक शुभ मुहूर्त में रक्षा सूत्र बांधे जा सकेंगे। पण्डित राजेश शर्मा ने बताया कि रक्षा बंधन पर्व पर श्रवणजी की पूजा तथा राखी बांधने के लिए सुबह 7.35 से 9.13 तक, दोपहर को 12.03 से 1.24 तक तथा इसके उपरांत शाम को 5.24 तक शुभ मुहूर्त रहेगा। इस समय के दौरान पूजन तथा राखि बांधी जा सकेगी।

अगस्त में तीज-त्योहार
10 अगस्त भुजरिया
14 अगस्त हलषष्ठी
16 अगस्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
17 अगस्त गोगा नवमी
19 अगस्त जया एकादशी
20 अगस्त प्रदोष व्रत
23 अगस्त कुशोत्पाटनी अमावस्या
26 अगस्त हरतालिका तीज
27 अगस्त गणेश उत्सव प्रारंभ
28 अगस्त ऋषि पंचमी
30 अगस्त संतान सप्तमी
31 अगस्त राधा अष्टमी