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विशेषज्ञों ने गोविन्दपुरा की जमीन अयोग्य बताई, अब कवाई में लगाने की कवायद

लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर के लिए अटरु क्षेत्र के गोविन्दपुरा में चयनित की गई करीब 10 हैक्टेयर भूमि की जयपुर से आई विशेषज्ञो की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद निचली सतह पथरीली होने के कारण सेन्टर के लिए अनुपयोगी बताते हुए अन्य भूमि के चयन के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए थे।

बारां

Mukesh Gaur

Aug 20, 2025

लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर के लिए अटरु क्षेत्र के गोविन्दपुरा में चयनित की गई करीब 10 हैक्टेयर भूमि की जयपुर से आई विशेषज्ञो की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद निचली सतह पथरीली होने के कारण सेन्टर के लिए अनुपयोगी बताते हुए अन्य भूमि के चयन के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए थे।
source patrika photo

लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर का मामला, गहराई में पथरीली भूमि होने से माना अयोग्य

हंसराज शर्मा

बारां. प्रदेश के एक मात्र लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर के लिए जिले में बजट घोषणा के बाद भूमि चयन की कवायद कर प्रक्रिया शुरु की गई थी। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा अटरु क्षेत्र के गोविन्दपुरा में 10 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया था। इसके पश्चात भूमि आंवटन प्रक्रिया पूर्ण कर जयपुर फाइल भिजवाई गई थी। लेकिन करीब तीन सप्ताह पूर्व जयपुर से आई विभाग के विशेषज्ञ अधिकारियों की टीम ने उक्त चयनित भूमि को सेन्टर के लिए अयोग्य बताते हुए अन्य भूमि चयन के विभाग को निर्देश दे दिए। इसके बाद अन्यत्र भूमि के चयन की प्रक्रिया शुरु की गई।

यह बताया कारण

लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर के लिए अटरु क्षेत्र के गोविन्दपुरा में चयनित की गई करीब 10 हैक्टेयर भूमि की जयपुर से आई विशेषज्ञो की टीम द्वारा जांच पड़ताल के बाद निचली सतह पथरीली होने के कारण सेन्टर के लिए अनुपयोगी बताते हुए अन्य भूमि के चयन के लिए कृषि विभाग को निर्देश दिए थे। टीम ने चयनित भूमि की मिट्टी युक्त गहराई को कम बताया था। टीम ने उक्त भूमि पर करीब डेढ़ दो फीट की गहराई पर ही पथरीली भूमि होना इसके अयोग्य होने का कारण माना गया।

दो क्षेत्रों में बंटी है भूमि

कृषि विभाग की कवाई क्षेत्र में स्थित उक्त 65 हैक्टेयर भूमि का खसरा नक्शा पटवारी के पास पूर्ण अवस्था में मौजूद नही है। इस भूमि के खसरे की जानकारी के लिए ऑनलाइन भी प्रयास किया, लेकिन पूरा नक्शा नही मिल पाया। लेकिन विभाग अब मोके पर ही पटवारी के साथ नपाई आदि कर सीमा ज्ञान करवाएगा। उक्त भूमि का एरिया आधा अटरु क्षेत्र तथा आधा छबड़ा क्षेत्र में आता है। हालांकि इसकी जमाबन्दी जयपुर भिजवा दी गई है, अब नक्शा भिजवाना है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि कवाई क्षेत्र स्थित कृषि विभाग की इस भूमि को लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर के निर्माण के लिए उद्यान विभाग को आवंटन की प्रक्रिया की जाएगी।

यहां भी देखी थी जमीन

अटरु क्षेत्र के गोविन्दपुरा ग्राम क्षेत्र में चयनित की गई 10 हैक्टेयर भूमि से पूर्व बारां क्षेत्र के राजपुरा ग्राम क्षेत्र में भी सेन्टर के लिए भूमि देखी गई थी। लेकिन उक्त भूमि पर गड्ढे व खाळ-नाले होने के कारण चयनित नहीं हो पाई थी। हालांकि इस क्षेत्र की भूमि का एप्रोच आसन था। एक ही स्थान पर इतने बड़े क्षेत्र में भूमि मिलना आसान नहीं था। इसके बाद गोविन्दपुरा का चयन किया गया था। लेकिन अब वह भूमि भी अयोग्य होने के कारण कवाई की भूमि लेने की कवायद की जा रही है।

अब यहां करेंगे केन्द्र के लिए भूमि का चयन

कृषि विभाग ने इसके बाद कवाई क्षेत्र में विभाग की मौजूद करीब 65 हेक्टेयर भूमि के चयन की प्रक्रिया शुरु की गई है। उक्त भूमि वर्तमान में राजस्थान बीज निगम को बीज उत्पादन के लिए दी हुई है। जिस पर सेन्टर बनाए जाने के लिए उपयुक्त मानी जा रही है। इस भूमि का यहां पर विशेषज्ञों की टीम ने भी जायजा लिया था।

इसलिए हुआ था बारां का चयन

जिला दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के भूभाग पर हाड़ौती क्षेत्र में स्थित है। जिला फसल उत्पादन की ²ष्टि से हाड़ौती ही नहीं राजस्थान का एक महत्वपूर्ण जिला है। लहसुन फसल में क्षेत्रफल, उत्पादन और उत्पादकता की ²ष्टि से राजस्थान में प्रथम स्थान रखता है। पिछले सालों में राज्य में लहसुन की औसत 89 हजार 805 हैक्टेयर में बुवाई होकर औसत उत्पादकता 5916 किलोग्राम रही है। इसमें बारां जिले का औसत क्षेत्रफल 30 हजार 714 हैक्टेयर रहा और उत्पादकता 6133 किलोग्राम रही है। लहसुन उत्पादन को लेकर जिले की छीपाबड़ौद व बारां को विशेषत: लहसुन मंडी घोषित किया गया । यहां पिछले तीन साल से औसतन 16 लाख ङ्क्षक्वटल लहसुन पहुंच रहा है।

लहसुन एक्सीलेंस सेन्टर के लिए बजट घोषणा के बाद से ही तेजी के साथ कवायद शुरु कर दी गई थी। लेकिन अच्छी भूमि चयन को लेकर परेशानी आती रही। अब कवाई क्षेत्र स्थित कृषि विभाग की भूमि के चयन के बाद प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। शीघ्र ही प्रक्रिया पूर्ण होकर कार्रवाई की उम्मीद है।

धनराज मीणा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, बारां