जिले में आए दिन सड$क दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोग घायलों की मदद कर उन्हें अस्पताल तक भी पहुंचा रहे है, लेकिन घायलों के मददगार बनने वाले राहवीरों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है।
जिले में 279 सडक़ हादसे, 129 की मौत
बारां. जिले में आए दिन सडक दुर्घटनाएं हो रही हैं। लोग घायलों की मदद कर उन्हें अस्पताल तक भी पहुंचा रहे है, लेकिन घायलों के मददगार बनने वाले राहवीरों को प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है। वैसे सरकार की ओर से तो योजना के तहत प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया हुआ है और प्रोत्साहन राशि भी अब 5 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दी गई है, लेकिन फिर भी जागरूकता की कमी से लोग इसके लिए आवेदन ही नहीं कर रहे हैं। आवेदन नहीं होने से ही प्रोत्साहन राशि नहीं मिल रही है। जिले में बीते करीब एक वर्ष के दौरान (सितंबर 2024 से सितंबर 2025) 279 सडक़ दुर्घटनाओं में 129 लोगों की जान गई है। इसमें से मददगारों के आगे आने से कुछ की लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
कई हादसों में दौड़े हैं ग्रामीण व पुलिस
दरअसल किसी भी दुर्घटना में गंभीर चोट लगने पर घायल का काफी खून बह जाता है। इससे जान का खतरा भी बढ़ता जाता है। घायलों को जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी उचित इलाज मिलना चाहिए। इसके लिए राहगीरों को ही राहवीर बनना होगा। वैसे जिले में ऐसे मददगार राहवीरों की कमी भी नहीं है। जिले से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग 27 पर कई बार लम्बी दूरी की यात्री बस पलटने समेत कई गंभीर हादसों के समय लोगों ने मदद कर घायलों को अस्पतालों तक पहुंचाया है। कई जगह हाइवे की एम्बुलेंस व संबंधित थाना पुलिस ने घायलों की मदद की है।
राहवीर उपाधि केन्द्र सरकार की योजना
सूत्रों के अनुसार भारत सरकार के केन्द्रीय सड$क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने सड$क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को गोल्डन ऑवर (घटना के एक घंटे के अंदर) में अस्पताल पहुंचाने पर पूर्व में प्रोत्साहन राशि 5 हजार रुपए थी। बाद में केन्द्र सरकार ने बढ़ाकर 10 हजार रुपए कर दिया। उसके बाद पिछले वर्ष इस योजना को राहवीर नाम देते हुए एक बार फिर सरकार ने इसकी प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर 25 हजार रुपए की है। इसके अलावा घायलों की मदद करने वाले नागरिकों को ‘राहवीर’ की उपाधि भी देने का प्रावधान है।
इन बातों का रखें ध्यान
चिकित्सकों के अनुसार किसी भी घायल को सही प्राथमिक उपचार देने से उनके बचने की संभावना बढ़ जाती है। घायल व्यक्ति की गर्दन न हिलाने दें। गर्दन के दोनों तरफ लकड़ी के ब्लॉक जैसी कोई कठोर वस्तु रखें। घायल व्यक्ति को गंभीर चोट लगने पर उन्हें हिलाने से उनकी चोटें और भी खराब हो सकती हैं या फिर उसकी मृत्यु भी हो सकती है। घायल खून की उल्टी कर रहा है, तो उसे सीधा न लिटाएं और किसी एक तरफ करवट में लिटा दें। घायल व्यक्ति के शरीर में कुछ चुभ या घुस गया है तो उसे निकालने की कोशिश न करें। ऐसा करने से शरीर से बहुत ज्यादा खून बह सकता है। अगर पैर या हाथ घटना के बाद काम नहीं कर रहे हैं तो सहारा जरूर दें, ताकि अंग और खराब न हो।
सड$क दुर्घटना में घायलों की मदद कर अस्पताल पहुंचाने वाले नागरिक को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है, लेकिन पिछले एक वर्ष में जिले में ऐसा एक भी आवेदन नहीं मिला है।
डॉ. संजीव सक्सेना, सीएमएचओ, बारां
Updated on:
05 Oct 2025 10:47 pm
Published on:
05 Oct 2025 10:46 pm
बड़ी खबरें
View Allबारां
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग