Animesh Patni: बारां के कुंजेड़ गांव के सपूत और भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी को देश का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन वीरता सम्मान वीर चक्र प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई गई वीरता और साहसिक नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति भवन में आयोजित भव्य समारोह में दिया जाएगा।
बता दें कि भारत सरकार ने गुरुवार को घोषणा की थी कि भारतीय वायुसेना के नौ अधिकारियों को वीर चक्र से नवाजा जाएगा, जिनमें ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी भी शामिल हैं।
अनिमेष पाटनी ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर सफलतापूर्वक एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। इस दौरान उनकी टीम ने मुरिदकै और बहावलपुर में आतंकवादी संगठनों के मुख्यालय और पाकिस्तान के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया।
यह कार्रवाई भारत के उन्नत S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की मदद से की गई, जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक है। इस ऑपरेशन की सफलता ने न केवल भारतीय वायुसेना की शक्ति का प्रदर्शन किया, बल्कि राजस्थान और विशेषकर हाड़ौती क्षेत्र का नाम भी रोशन किया।
अनिमेष की वीरता का उदाहरण 2010 में भी देखने को मिला था। जोधपुर एयरबेस पर तैनाती के दौरान उनके मिग-27 विमान में उड़ान के दौरान ब्लास्ट हो गया। खतरे के बावजूद उन्होंने सूझबूझ दिखाते हुए विमान को आबादी वाले क्षेत्र से दूर पाली जिले के जैतपुर गांव की ओर मोड़ दिया। विमान वहीं क्रैश हुआ और बड़ी जनहानि टल गई। इस दौरान उन्होंने पैराशूट से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई।
अनिमेष का जन्म 25 जनवरी 1984 को कोटा में हुआ। उन्होंने कोटा के सेंट पॉल स्कूल से 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उनका चयन नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) खड़गवासला (पुणे) में हुआ। साल 2004 में पास आउट होने के बाद 2005 में उनकी पहली पोस्टिंग असम के छबवा एयरफोर्स बेस पर हुई। वर्तमान में वे एयरफोर्स एयरबेस अदमपुर में ग्रुप कैप्टन के पद पर कार्यरत हैं।
उनके पिता केके पाटनी पीडब्ल्यूडी विभाग में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर थे, जिनका 2020 में निधन हो गया। उनकी मां अनिला पाटनी गृहिणी हैं। परिवार में दो बड़ी बहनें हैं, जो डॉक्टर हैं। पत्नी वर्दनी और 13 वर्षीय बेटी वामिका उनके जीवन का सहारा हैं।
अनिमेष पाटनी को प्रकृति और वन्यजीवों से विशेष लगाव है। जब भी वे अपने पैतृक गांव कुंजेड़ आते हैं, तो गौपालन और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते हैं। ग्रुप कैप्टन अनिमेष पाटनी की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे हाड़ौती और राजस्थान के लिए गौरव का विषय है।
Published on:
17 Aug 2025 10:40 am