
बरेली। CAA-NRC विरोध के दौरान भड़काऊ भाषण देकर भीड़ को उकसाने वाले मौलाना तौकीर रजा की अब मुश्किलें बढ़ गई हैं। छह साल पुराने 2019 के हिंसक प्रदर्शन केस में पुलिस ने कोर्ट से मौलाना का रिमांड मांगा है।
सूत्रों के अनुसार, मौलाना को दीपावली से पहले कोर्ट में पेश करने का खतरा नहीं उठाया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की तैयारी चल रही है।
2019 में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के विरोध में मौलाना ने निषेधाज्ञा के बावजूद विरोध-प्रदर्शन का आह्वान किया था। उनके बुलावे पर आए भीड़ ने बरेली में तोड़फोड़ और पथराव किया था।
इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हुए और शहर में तनाव फैल गया था। अब पुलिस ने पुराने केस की फाइल दोबारा खोली है और चार्जशीट तैयार कर रिमांड अर्जी कोर्ट में दी है।
नफरत फैलाने वाले भाषणों के आरोपी मौलाना तौकीर फिलहाल फतेहगढ़ जेल में बंद हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि दीपावली से पहले बरेली में माहौल न बिगड़े, इसलिए पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराई जाएगी। प्रशासन इस केस को लेकर बेहद संवेदनशील है क्योंकि मौलाना के समर्थक कई बार शहर में तनाव फैला चुके हैं।
बरेली बवाल से एक दिन पहले आईएमसी के लेटर पैड पर फर्जी हस्ताक्षर कर अफवाह फैलाने के आरोप में डॉ. नफीस खान और नदीम खान को भी पुलिस रिमांड पर लेगी।
पुलिस अब जांच करेगी कि इन दोनों ने लियाकत खान के फर्जी हस्ताक्षर क्यों किए और उनके पीछे कौन था। यह मामला बरेली के हालिया बवाल से जुड़ा हुआ माना जा रहा है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि तौकीर रजा के खिलाफ संभल, मुरादाबाद और बरेली में दर्ज मुकदमे अब दोबारा जांच के घेरे में आ सकते हैं। पुलिस प्रशासन का साफ संदेश है कि कानून से ऊपर कोई नहीं, चाहे वह धर्मगुरु ही क्यों न हो।
संबंधित विषय:
Published on:
07 Oct 2025 09:20 am
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
