
बरेली। बरेली के रियल एस्टेट जगत में तहलका मचा देने वाली बड़ी कार्रवाई में जिला प्रशासन ने कुख्यात बिल्डर चरणपाल सिंह सोबती की डोहरा गांव में खरीदी गई 18 बीघा बेनामी संपत्ति पर शिकंजा कस दिया है। सहायक आयकर आयुक्त (बेनामी निषेध यूनिट-2) नई दिल्ली की प्रारंभिक जांच में करोड़ों के अवैध लेन-देन का पर्दाफाश होने के बाद उप निबंधक प्रथम ने जमीन को फ्रीज कर उसके खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है।
जांच में साफ सामने आया है कि सोबती ने अपने काले धन को वैध रूप देने के लिए डोहरा गांव में छत्रपाल सिंह के नाम से जमीनें हथियाईं, बैंक खाते खुलवाए और बाद में छत्रपाल को अविवाहित व बिना वारिस बताकर पूरी संपत्ति को वसीयत के माध्यम से नौ अगस्त 2017 को अपने नाम करा लिया। सोबती की चाल इतनी संगठित थी कि सतही नज़र में यह सब कानूनी दिखाई देता, लेकिन आयकर विभाग की जांच ने पूरी साज़िश को बेनकाब कर दिया।
औंध ग्राम पंचायत के प्रधान राहुल सिंह ने खुलकर बताया कि छत्रपाल अविवाहित नहीं थे। उनके परिवार में पत्नी मनीषा सिंह, तीन बेटियां शोभा, राखी, बबीता
और 18 वर्षीय बेटा विजयपाल सिंह
आज गरीबी में जीवन काट रहे हैं। सोबती ने इन्हें बिना वारिस बताकर पूरी जमीन अपने कब्जे में दिखाने की कोशिश की लेकिन अब सच सामने है।
जांच में यह बड़ा तथ्य सामने आया कि सोबती के काले कारनामों का पर्दाफाश खुद छत्रपाल सिंह ने किया था।
उन्होंने 8 फरवरी 2020 को आयकर विभाग को नोटिस का जवाब देते हुए पूरा खेल उजागर कर दिया था।
जानकारी है कि सोबती ने न केवल बरेली बल्कि रामपुर जिले के बिलासपुर क्षेत्र में भी छत्रपाल के नाम से जमीनें खरीदीं। सिर्फ जमीन नहीं, बैंक खाते तक खुलवाए गए। यानी बेनामी साम्राज्य का पूरा नेटवर्क ऑपरेट हो रहा था।
सहायक आयकर आयुक्त ने 13 अक्टूबर को डीएम को पत्र भेजकर तत्काल सख्ती बरतने का आदेश दिया। इसी आधार पर उप निबंधक रवि प्रकाश वर्मा ने जमीन को फ्रीज कर दिया। कोर्ट और विभाग अब आगे बड़े ऐक्शन के लिए तैयारी में हैं।
संतोष कुमार सिंह (एडीएम वित्त एवं राजस्व) ने कहा कि आयकर विभाग की जांच वाली जमीन को चरणपाल सिंह सोबती बेच न दे, इसलिए तत्काल प्रतिबंध लगाया गया है। आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। जमीन की निगरानी कराई जाएगी। इसके अलावा जमीन को ज़ब्त कर आगे की नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
बरेली और आसपास के बिल्डरों पर भी अब तलवार लटकती दिख रही है। जांच का दायरा बढ़ने के संकेत साफ हैं। जिन बिल्डरों ने बेनामी खेल खेला है, उनके गिरेबान तक जांच अब पहुँच सकती है। इससे बिल्डरों की नींद उड़ गई है। धीरे-धीरे पूरा बेनामी नेटवर्क नंगी आंखों के सामने खुलता दिखाई दे रहा है। बरेली के कई और कारोबारियों ने अपने नौकरों और करीबियों के नाम बेनामी प्रॉपर्टी खरीदी हैं। आयकर विभाग इस मामले में एक सूची पहले भी जारी कर चुका है।
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Published on:
07 Dec 2025 10:35 am
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