
कमिश्नर भूपेंद्र एस. चौधरी
बरेली। उत्तराखंड की सीमा से बरेली–पीलीभीत–शाहजहांपुर मार्ग पर 24 घंटे में दर्जनों डंपर अवैध खनन सामग्री लेकर यूपी की सीमा में दाखिल हो रहे हैं, बावजूद इसके कि वन विभाग, पुलिस और आरटीओ की संयुक्त टीमें चेकिंग का दावा करती रही हैं। आईएसटीपी (अंतरराज्यीय परिवहन परमिट) के बिना उत्तराखंड से आने वाला यह रेता–बजरी का ‘काला कारोबार’ अब मंडल स्तर पर बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
कमिश्नर भूपेंद्र एस. चौधरी ने इस गंभीर टैक्स चोरी और अवैध खनन पर सख्त नाराजगी जताते हुए चारों जिलों—बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और बदायूं—के डीएम को सघन चेकिंग और कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है। साथ ही बरेली मंडल में मिनी कमांड सेंटर और चेक गेट स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
5 नवंबर को क्षेत्रीय प्रवर्तन अधिकारी द्वारा पीलीभीत में की गई जांच में खुलासा हुआ कि बड़ी संख्या में डंपर बिना आईएसटीपी के उपखनिज लेकर बरेली और शाहजहांपुर में प्रवेश कर रहे हैं। यह अवैध परिवहन न केवल टैक्स चोरी, अवैध खनन, सड़क सुरक्षा, बल्कि पूरी खनन व्यवस्था को चुनौती दे रहा है। वन विभाग, आरटीओ और पुलिस की संयुक्त चेकिंग के बावजूद यह ‘खनन सिंडिकेट’ लगातार सक्रिय है।
कमिश्नर ने कहा कि 29 नवंबर को डीएम की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय जनपद स्तरीय कार्यबल का गठन हुआ था, जिसका उद्देश्य अवैध खनन और परिवहन पर नियंत्रण था। लेकिन रिपोर्टें बताती हैं कि कार्रवाई प्रभावी नहीं, कई जगह ‘विशेष मार्का’ वाले वाहनों को छोड़ने के आरोप हैं। छोटे व्यवसायियों पर अधिक दबाव है। जिससे पूरे अभियान की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हुए हैं। कमिश्नर ने कहा कि अवैध खनन, टैक्स चोरी और बिना परमिट परिवहन पर शून्य सहनशीलता par सभी जिलाधिकारी तुरंत कार्रवाई करें।
खनन विभाग ने 2024–25 में ही बरेली में एक चेक गेट, एक मिनी कमांड सेंटर स्थापित किए जाने का प्रस्ताव भेजा था। अब पुनः प्रस्ताव भेजकर प्रक्रिया तेज कर दी गई है। चेक गेट ko बहेड़ी बॉर्डर पर और मिनी कमांड सेंटर: कलेक्ट्रेट परिसर में बनाया जाएगा। इसकी lasgat लगभग ₹52 लाख आयेगी। कमांड सेंटर में परिवहन प्रपत्र, जीपीएस ट्रैकिंग, परमिट सत्यापन और रीयल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा होगी जिससे बड़े पैमाने पर हो रही टैक्स चोरी पर सीधा अंकुश लगेगा।
अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के बीच कई ट्रांसपोर्टर आरोप लगा रहे हैं कि विभाग की टीमें चुनिंदा गाड़ियों को अनदेखा करती हैं, जबकि छोटे ट्रांसपोर्टरों को भारी चालान किया जाता है। इन आरोपों पर भी कमिश्नर ने सख्ती दिखाते हुए कहा है कि एक भी वाहन विशेषाधिकार प्राप्त नहीं है, जो भी बिना परमिट पकड़ा जाएगा, उस पर कार्रवाई निश्चित होगी।
मिनी कमांड सेंटर की स्थापना के साथ ही पहाड़ी इलाकों से आने वाले डंपरों की लाइव निगरानी, बहेड़ी गेट पर मजबूत चेकिंग और मंडल भर में संयुक्त अभियान चलाने की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। इस कदम से उत्तराखंड से बरेली–पीलीभीत सीमा तक सक्रिय अवैध खनन नेटवर्क पर बड़ा प्रहार माना जा रहा है। बरेली मंडल में खनन माफिया और टैक्स चोरी के खिलाफ प्रशासन का यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है।
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Updated on:
02 Dec 2025 07:59 pm
Published on:
02 Dec 2025 07:58 pm
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