
बरेली। जहां हर रोज सैकड़ों स्कूली बच्चे आते-जाते हैं, जहां मरीजों को स्ट्रेचर पर लाया जाता है। जहां नर्सिंग होम और रेजिडेंशियल गली में शांति और सुरक्षा सबसे जरूरी है। वहीं कॉलेज प्रबंधन ने पटाखों का अस्थायी बाजार ठोंकने की तैयारी कर दी है। मनोहर भूषण इंटर कॉलेज के सामने का मैदान, जो पहले ही भीड़भाड़ और संकरी गलियों के कारण संवेदनशील जोन माना जाता है, एक बार फिर पटाखा बाजार का ठिकाना बनाया जा रहा है।
इस क्षेत्र में तीन नर्सिंग होम और दो बड़े पेंट के गोदाम (जिनमें ज्वलनशील केमिकल भरा रहता है) हैं। एक इंटर कॉलेज, कई स्कूल, कोचिंग सेंटर और घनी आबादी वाली कॉलोनियां प्रवेश मार्ग तंग हैं, पार्किंग की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले साल एमबी इंटर कॉलेज में 24 दुकानों को लाइसेंस मिला, लेकिन 50 से अधिक दुकानदारों ने ‘कैश में एडवांस’ जमा कर दुकानें लगा लीं, जिससे भीड़ बेकाबू हुई। इस बार 70 से अधिक लोगों से एडवांस वसूला गया है, जबकि अग्निशमन विभाग ने सिर्फ 30 दुकानों को मंजूरी की सिफारिश की है।
बिथरी चैनपुर, महेशपुर ठाकुरान और डोहरा रोड पर 10 नए थोक लाइसेंस के आवेदन पड़े हैं।
कई आवेदकों ने फैक्ट्रियों को लाखों रुपये का एडवांस भेजकर पटाखों का स्टॉक मंगा लिया
अब लाइसेंस फंसा तो सारा माल अवैध हो जाएगा। स्थिति सीधी जब्ती और मुकदमे तक पहुंच सकती है, पटाखा कारोबारी का कहना है कि हमने सरकार की प्रक्रिया मानी, फिर भी हमें लाइन में खड़ा कर दिया गया। बाजार कहीं तय ही नहीं हो रहा।
अग्निशमन विभाग के अनुसार पटाखा बाजार ऐसे स्थान पर लगे, जहां 100 मीटर की परिधि तक भीड़, अस्पताल और ज्वलनशील सामग्री न हो। जबकि मनोहर भूषण कॉलेज का इलाका उल्टा है चारों ओर दवाखाने, केमिकल गोदाम, क्लीनिक और मोहल्ले हैं। यही नहीं, आसपास की मोहल्ला बस्तियों ने लिखित आपत्ति देने की तैयारी शुरू कर दी है कि अगर एक चिंगारी भी उठी, तो यहां भगदड़ और आग दोनों से जान का खतरा है।
अस्थाई पटाखा बाजार मंगलवार को फाइनल कर दिए जाएंगे। सीएफओ की संस्तुति रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार निर्णय लिया जाएगा।
अलंकार अग्निहोत्री, सिटी मजिस्ट्रेट बरेली
Published on:
13 Oct 2025 08:36 pm
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