
मौलाना तौकीर और फाइका एंक्लेव में मौजूद पुलिस (फोटो सोर्स: पत्रिका)
बरेली। शहर को बार-बार साम्प्रदायिक तनाव और दंगों की आग में झोंकने वाला आईएमसी अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद उनके बुलावे पर भीड़ ने शहर में पथराव और हंगामा किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मौलाना को फाइका एंक्लेव में उनके एक दोस्त के घर में पुलिस ने नजर बंद कर दिया है उसके बाहर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। डीआईजी अजय साहनी और एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव के साथ फायरिंग भी की थी। दर्जनों उपद्रवियों को हथियारों सहित पकड़ा गया है और मुकदमा गंभीर धाराओं में दर्ज किया जा रहा है। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि साजिशकर्ताओं के नाम जल्द ही उजागर होंगे। इस मामले में प्रमुख आरोपी और साजिश भड़काने वालों में शामिल मुख्य आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा सकता है।
मौलाना तौकीर रजा का नाम पहली बार बड़े स्तर पर तब चर्चा में आया जब 2010 में बरेली में दंगे भड़के। अदालत ने उन्हें इस साम्प्रदायिक हिंसा का “मुख्य साजिशकर्ता” करार दिया। जिला अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित किया और गैर-जमानती वारंट जारी किया। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगाई, लेकिन उनकी छवि एक ऐसे उकसाने वाले नेता के रूप में सामने आई जो भीड़ को हिंसा पर उतारने में माहिर है। इस मामले में उन्हें तत्कालीन एसपी सिटी राकेश जोली ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हालांकि बाद में राजनीतिक कारणों से पुलिस ने उन्हें रिपोर्ट देकर जेल से छुड़वाया था। उनके दामन पर आज भी दंगों का दाग है।
पुलिस रिकॉर्ड में मौलाना तौकीर रजा पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं
कोतवाली बरेली : 992/82 (147, 323 भादवि), 47/87 (406 भादवि), 113/88 (354, 452 भादवि), 19/96 (147, 323, 504 भादवि), 105A/2000 (323 भादवि)
कोतवाली बरेली : 799/07 (115, 153A भादवि), 643/19 (188, 506 भादवि)
नखासा सम्भल : 70/20 (504, 506, 153A भादवि)
प्रेमनगर बरेली : 519/10 (147, 148, 149, 307, 295, 153A भादवि व 7 CLA एक्ट, 3 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम)
फरीदपुर बरेली : 295A भादवि, अन्य संगीन धाराएँ
कोतवाली बरेली 232/23 : 2024 में दर्ज ताजा मामला
इन मामलों में उन पर दंगा भड़काने, भीड़ को हिंसा के लिए उकसाने, धार्मिक भावनाओं को भड़काने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और लोक व्यवस्था बिगाड़ने जैसे संगीन आरोप लगे।
मौलाना तौकीर रजा बार-बार अपने विवादित बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। कभी कहते हैं—“हमारी खामोशी को कमजोरी मत समझो”, तो कभी धमकी देते हैं “अगर अन्याय रुका नहीं तो मुसलमान सड़कों पर उतरेंगे।” “आई लव मोहम्मद” विवाद में भी उन्होंने खुलेआम प्रदर्शन का आह्वान कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। दबाव पड़ने पर भले ही उन्होंने इस्लामिया मैदान पर प्रस्तावित धरना स्थगित कर दिया हो, लेकिन पुलिस की रिपोर्ट मानती है कि वह ऐसे हर उपद्रव की जड़ में मौजूद रहते हैं। तौकीर रजा का पूरा राजनीतिक करियर विवाद, मुकदमे और सरकार विरोधी हंगामों से भरा पड़ा है। उनके समर्थक उन्हें “धार्मिक अधिकारों का रक्षक” बताते हैं, वहीं प्रशासन की नजर में वह “दंगे और नफरत फैलाने वाले मौलाना” से ज्यादा कुछ नहीं हैं।
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Published on:
26 Sept 2025 10:58 pm
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