
मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश
बरेली। किला उपकेंद्र पर जाम छलकाते कर्मचारियों का वीडियो सामने आने के बाद ऊर्जा निगम की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मुख्य अभियंता ने घटना के अगले ही दिन रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 15 दिन बाद भी जांच फाइल दफ्तर में नहीं पहुंची। अधिशासी अभियंता स्तर पर गठित टीम पर आरोप है कि वे जांच के बजाय मामला ठंडे बस्ते में डालने की कवायद में जुटे हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो वीडियो में नजर आ रहे कर्मचारी अधिकारियों के खासमखास हैं, जिन्हें बचाने के लिए पूरी मशीनरी सक्रिय है। चर्चा ये भी है कि एक ठेकेदार के जरिए कर्मचारियों से पैसे लेकर मामला निपटाने का दबाव बनाया जा रहा है। विभाग के गलियारों में इस ‘मैनेजमेंट’ की खूब चर्चा है। इस मामले में मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश का कहना है कि जल्द की कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि 5 नवंबर को गंगा स्नान को लेकर अवकाश था। इसी दौरान किला सबस्टेशन के सरकारी कर्मचारी श्याम सुंदर, संविदा कर्मी विशाल सक्सेना, विजयपाल और सुनील का शराब पार्टी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। गिलास से लेकर पूरी महफिल तक सब कुछ कैमरे में कैद था। मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश ने अधीक्षण अभियंता ब्रह्मपाल को तत्काल जांच के निर्देश दिए थे। ब्रह्मपाल ने अधिशासी अभियंता सत्येंद्र चौहान और नितिन कुमार को जांच सौंपी थी और निर्देश था कि 7 नवंबर की शाम तक रिपोर्ट सौंपें। लेकिन छह दिन में जो रिपोर्ट आ जानी चाहिए थी, वह 15 दिन बाद भी गायब है।
मुख्य अभियंता ज्ञान प्रकाश अपनी कड़ाई और तेज़ कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं। उनके आते ही विभाग में अनुशासन का खौफ साफ दिखने लगा था। लेकिन किला उपकेंद्र प्रकरण में उनकी चुप्पी सवाल खड़े कर रही है। विभागीय हलकों में चर्चा है कि जांच कमेटी में शामिल दोनों अधिशासी अभियंता उसी वर्टिकल के हैं, जिनके कर्मचारी वीडियो में नजर आ रहे हैं, ऐसे में कार्रवाई से बचने की कोशिशें जारी हैं।
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Published on:
19 Nov 2025 03:05 pm
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