बरेली। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में मुंबई की ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड की बड़ी लापरवाही सामने आई है। हाई मास्ट लाइट प्रोजेक्ट में खराबियों को ठीक न करने और अनुबंध की शर्तें न निभाने पर कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने फर्म की जमानत राशि भी जब्त कर ली है।
स्मार्ट सिटी के तहत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के 6 वार्डों में 1.12 करोड़ रुपये की लागत से 40 हाई मास्ट लाइटें लगाई गई थीं। इसका ठेका ट्रांसरेल लाइटिंग लिमिटेड को दिया गया था। लेकिन फर्म ने न सिर्फ 3 साल की मेंटेनेंस जिम्मेदारी को नजरअंदाज किया बल्कि 24 हाई मास्ट लाइटें महीनों से खराब पड़ी रहीं।
हनुमान मंदिर
ताज पेट्रोल पंप
श्यामगंज फल मंडी
सुभाष नगर थाना
300 बेड अस्पताल
जैसे अहम स्थानों पर अंधेरा छाया रहा, जिससे लोगों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ीं।
स्मार्ट सिटी कंपनी ने बार-बार फर्म को मौखिक और लिखित आदेश दिए। 14 जुलाई 2025 को अंतिम नोटिस जारी किया गया, लेकिन कंपनी ने कोई सुधार नहीं किया। नतीजतन अनुबंध समाप्त कर काली सूची में डालने और जमानत राशि जब्त करने की कार्रवाई की गई।
स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ संजय कुमार मौर्य ने कहा कि फर्म की लापरवाही से शहर की छवि को नुकसान हुआ और अंधेरे में रहने से नागरिकों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ी। उन्होंने इसे शासकीय धन का दुरुपयोग बताते हुए कहा कि संबंधित विभागों को कंपनी के ब्लैकलिस्ट होने की जानकारी भेज दी गई है।
अधिकारियों ने साफ किया है कि आदेशों की लगातार अवहेलना और काम में रुचि न लेने के कारण फर्म को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। साथ ही, भविष्य में प्रदेश में किसी भी कार्य में इस फर्म को मौका न मिले, इसके लिए विभागों को रिपोर्ट भेज दी गई है।
Published on:
21 Aug 2025 09:03 am